उत्तर प्रदेश प्रान्तीय लोक सेवा आयोग (यूपी-पीसीएस) की प्रारम्भिक परीक्षा का पहला पर्चा रविवार को लीक होने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पूरी परीक्षा रद्द कर दी गई। सरकार के एक वरिष्ठ प्रवक्ता ने बताया कि यूपी-पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा का पहला पर्चा लीक होने के बाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा में हुई सेंधमारी के मामले में मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव आलोक रंजन, पुलिस महानिदेशक ए.के. जैन, आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव और मुख्यमंत्री की सचिव अनीता सिंह को इस घटना की पूरी जानकारी लेने के लिए तलब किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि पर्चा लीक होने के मामले में गिरफ्तार तीन लोगों से पूछताछ जारी है। गौरतलब है कि यूपी पीसीएस 2015 के लिए रविवार को प्रारम्भिक परीक्षा का पहला पेपर परीक्षा शुरू होने से ठीक पहले लीक हो गया था। यह पर्चा सुबह लगभग 9.15 बजे व्हाट्सऐप पर लीक हुआ था। ऐप पर भेजे गए पेपर को पीसीएस परीक्षा के पर्चे से मिलाया गया तो पेपर लीक होने की पुष्टि हुई।
राज्य की प्रशासनिक सेवाओं के लिए होने वाली इस परीक्षा में कुल साढ़े चार लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था और उसके लिए प्रदेश में कुल 917 परीक्षा केन्द्र बनाये गए थे। केवल राजधानी लखनऊ में ही 148 परीक्षा केन्द्रों पर 70 हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। पहली पाली की परीक्षा से बाहर निकलने पर जब अभ्यर्थियों को पेपर लीक होने की खबर मिली तो उन्होंने राजधानी के अलीगंज स्थित लोक सेवा आयोग के कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया था।
इसके अलावा इलाहाबाद, कानपुर एवं अन्य शहरों से भी बडी संख्या में छात्रों के विरोध प्रदर्शन की खबरें मिली थीं। प्रदेश की इस प्रतिष्ठित परीक्षा का पेपर लीक हो जाने के बाद विपक्षी दलों ने सारे मामले की सीबीआई जांच कराये जाने और आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव की बर्खास्तगी की मांग की थी।
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