अखिलेश यादव ने घटना पर सरकार पर निशाना साधा.(फाइल फोटो)
ndtv:
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में पिछले 48 घंटों में 30 बच्चों की मौत के मामले में सपा नेता अखिलेश यादव ने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इस मामले में सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुई है. हालांकि सरकार ने इसका खंडन किया है. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार सच नहीं बता रही है. उधर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हादसे के बाद वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में कांग्रेस के डेलीगेशन ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया. इस मौके पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यूपी सरकार की लापरवाही से यह हादसा हुआ. अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी थी. आजाद ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की. इस डेलीगेशन में आजाद के अलावा, आरपीएन सिंह, राज बब्बर और प्रमोद तिवारी मौजूद थे.
पढ़ें: गोरखपुर अस्पताल में 30 मासूमों की मौत का मामला : दो चिट्ठियां, दो खुलासे...
कंपनी के मालिक के घर छापेमारी
उधर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर पिछले रात से छापेमारी हो रही है. इस कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर और उसके रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी हो रही है. मनीष भंडारी लेकिन फरार बताया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे. हॉस्पिटल में होने वाली कुल मौतें 30 हैं. मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है.
गोरखपुर हादसा: ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर छापेमारी
हालांकि यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज़ रखे जाते हैं. यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई.
गोरखपुर हादसे पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- यह हादसा नहीं, हत्या है
VIDEO: सिलिंडर कंपनी की चिट्ठी सामने आई
धरना-प्रदर्शन शुरू
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज स्थित नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती 30 बच्चों की मौत के मामले पर विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल आज मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मेडिकल कालेज पहुंच गये हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों में सपा, बसपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. प्रदर्शनकारी उक्त घटना में सम्मिलित चिकित्सक, प्रधानाचार्य और अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करके इन सबकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वे मृतक बच्चों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.
पढ़ें: गोरखपुर अस्पताल में 30 मासूमों की मौत का मामला : दो चिट्ठियां, दो खुलासे...
कंपनी के मालिक के घर छापेमारी
उधर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में लिक्विड ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर पिछले रात से छापेमारी हो रही है. इस कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर और उसके रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी हो रही है. मनीष भंडारी लेकिन फरार बताया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 60 बच्चों की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे. हॉस्पिटल में होने वाली कुल मौतें 30 हैं. मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है.
गोरखपुर हादसा: ऑक्सीजन सिलिंडर पहुंचाने वाली कंपनी के मालिक मनीष भंडारी के घर छापेमारी
हालांकि यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई. 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज़ रखे जाते हैं. यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई.
गोरखपुर हादसे पर नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा- यह हादसा नहीं, हत्या है
VIDEO: सिलिंडर कंपनी की चिट्ठी सामने आई
धरना-प्रदर्शन शुरू
बाबा राघवदास मेडिकल कालेज स्थित नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती 30 बच्चों की मौत के मामले पर विभिन्न सामाजिक संगठन और राजनीतिक दल आज मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मेडिकल कालेज पहुंच गये हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों में सपा, बसपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. प्रदर्शनकारी उक्त घटना में सम्मिलित चिकित्सक, प्रधानाचार्य और अधीक्षक पर हत्या का मामला दर्ज करके इन सबकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. वे मृतक बच्चों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं