लखनऊ में शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जय प्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए जय प्रकाश नारायण इंटर नेशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) जाने वाले थे, मगर वो आधी रात ही वहां पहुंच गए और स्थिति की जानकारी ली. दरअसल, अखिलेश यादव का जेपीएनआईसी में जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने का कार्यक्रम था. हालांकि अखिलेश की घोषणा से ठीक पहले जेपीएनआईसी की दीवारों पर टिन शेड के बैरिकेड लगाये जाने लगे. लखनऊ पुलिस ने सवेरे दस बजे तक उस जगह पर रूट डाइवर्ट कर दिया है. इसे पहले तो अखिलेश यादव ने उन्हें रोकने की कोशिश बताई और फिर आधी रात में ही पहुंच गए. पिछले साल भी अखिलेश यादव जेपी को श्रद्धांजलि देने के लिए जेपीएनआईसी गये थे. तब उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं दी गई तो अखिलेश दीवार फांदकर जेपीएनआईसी के अंदर चले गये थे. संभव है कल फिर कुछ उसी तरह का नजारा दिखाई दे.
किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं। pic.twitter.com/4Co28qyahN
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 10, 2024
यहां पहुंचने से पहले बृहस्पतिवार रात साढ़े नौ बजे सुरक्षा इंतजामों को लेकर अखिलेश यादव ने ट्वीट भी किया था. उन्होंने लिखा है, "किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं". इसके साथ ही जेपीएनआईसी का एक वीडियो भी शेयर किया है, जहां टिन शेड लगाए जा रहे हैं. इस ट्वीट को कई बार री-ट्वीट कर दिया गया है. हालांकि, कई लोग अखिलेश यादव को बुरा-भला भी कहते नजर आ रहे हैं. वहीं कई समर्थन कर रहे हैं.
आज वहां पहुंचने पर अखिलेश यादव को एक कर्मचारी टिन शेड पर पेंट करता मिला. वह टिन शेड पर लिख रहा था कि भवन निर्माणाधीन है. इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि क्या हम भी पेंट कर सकते हैं? फिर उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि लिख दो, समाजवादी पार्टी जिंदाबाद. फिर क्या था..कार्यकर्ताओं ने तुरंत ही लिख दिया.
इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों से अखिलेश यादव ने कहा कि टिन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छिपा रही होगी. टिन शेड क्यों? किसी महापुरुष का सम्मान करने क्यों नहीं दे रही और वो भी समाजवादी पार्टी के महान नेता जेपी की जयंती पर. यह पहली बार नहीं हो रहा है. पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था. जेपी ने संपूर्ण क्रांति की थी. कहीं ये इस भवन को बेचने की तैयारी तो नहीं. अगर सरकार नहीं चल रही तो बेच दे, ज्यादा अच्छा होगा. सुबह वाला कार्यक्रम सुबह तय किया जाएगा. कितने दिन तक सरकार रास्ता रोकेगी?
पिछले साल अखिलेश यादव के दीवार फांदने के बाद वहां काफी अफरा-तफरी मच गई थी और पुलिस को थोड़ा-बहुत लाठीचार्ज भी करना पड़ा था. तब अखिलेश यादव ने कहा था, 'मुझे नहीं पता कि जेपीएनआईसी का रास्ता रोककर वे क्या साबित करना चाहते थे. बीजेपी हमारी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. रास्ता बंद कर अपनी विफलता छिपा रही है.'
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