अमृतसर:
अकाल तख्त ने शनिवार को कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात करनी चाहिए ताकि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह की फांसी की सजा पर रोक लगायी जा सके।
सिखों की इस सर्वोच्च संस्था ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ को भी निर्देश दिया कि वह बलवंत सिंह के बचाव के लिए प्रधानमंत्री से मिलें। बलवंत सिंह को इसी महीने फांसी दी जानी है।
चंडीगढ़ के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने पांच मार्च को आदेश दिया था कि बलवंत सिंह को 31 मार्च को फांसी दी जाए।
इस बीच, कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा ने आज आरोप लगाया कि अकाल तख्त की ओर से पंजाब सरकार को बलवंत सिंह की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के लिए राष्ट्रपति से मिलने के लिए कहा जाना ‘अप्रत्यक्ष तौर पर भारत सरकार के सामने आत्मसमर्पण’ कर देना है।
दल खालसा के प्रवक्ता ने बताया कि जत्थेदार ने बलवंत की संवेदनाओं का सम्मान नहीं किया है क्योंकि बलवंत सिंह का कहना है कि उसकी क्षमा-याचना के लिए किसी को भी भारत सरकार के सामने नहीं झुकना है।
(इनपुट भाषा से भी)
सिखों की इस सर्वोच्च संस्था ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ को भी निर्देश दिया कि वह बलवंत सिंह के बचाव के लिए प्रधानमंत्री से मिलें। बलवंत सिंह को इसी महीने फांसी दी जानी है।
चंडीगढ़ के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने पांच मार्च को आदेश दिया था कि बलवंत सिंह को 31 मार्च को फांसी दी जाए।
इस बीच, कट्टरपंथी सिख संगठन दल खालसा ने आज आरोप लगाया कि अकाल तख्त की ओर से पंजाब सरकार को बलवंत सिंह की फांसी की सजा पर रोक लगाए जाने के लिए राष्ट्रपति से मिलने के लिए कहा जाना ‘अप्रत्यक्ष तौर पर भारत सरकार के सामने आत्मसमर्पण’ कर देना है।
दल खालसा के प्रवक्ता ने बताया कि जत्थेदार ने बलवंत की संवेदनाओं का सम्मान नहीं किया है क्योंकि बलवंत सिंह का कहना है कि उसकी क्षमा-याचना के लिए किसी को भी भारत सरकार के सामने नहीं झुकना है।
(इनपुट भाषा से भी)
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