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Exclusive: एयर इंडिया ने तुर्किये से मेंटेनेंस सर्विस बंद करने का फैसला किया, जानिए अब आगे क्या

एयर इंडिया पर भारत-पाकिस्तान टेंशन का कितना असर पड़ा है? क्या फ्लाइट्स लेट हो रही हैं? एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन ने एनडीटीवी के सभी सवालों के जवाब दिए.

Exclusive: एयर इंडिया ने तुर्किये से मेंटेनेंस सर्विस बंद करने का फैसला किया, जानिए अब आगे क्या

एयर इंडिया अब टर्किश टेक्निक के साथ अपना सहयोग समाप्त करने जा रही है. ये तुर्किये की कंपनी है और ग्लोबल एविएशन सर्विस प्रोवाइडर है. ये कंपनी अब तक एयर इंडिया के बेड़े में मौजूद बोइंग 777 विमानों के लिए मेंटेनेंस का काम करती है. एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन ने कहा, "अगर इस तरह से व्यापार जारी रखने को लेकर कोई चिंता है, तो हम विकल्प तलाशेंगे." कैंपबेल ने NDTV से पुष्टि की कि एयरलाइन टर्किश टेक्निक के साथ अपना सहयोग समाप्त कर रही है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम जन भावना का सम्मान करना चाहते हैं."

तुर्किये पर भारत ने अब तक क्या किया

एयर इंडिया की यह घोषणा नागरिक विमानन मंत्रालय (Civil Aviation Ministry) द्वारा भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को यह बताए जाने के कुछ दिनों के भीतर आई है कि उसे टर्किश एयरलाइंस से लीज पर लिए गए दो विमानों को तीन महीने से अधिक समय तक संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इससे पहले, सरकार ने तुर्की से जुड़ी विमानन ग्राउंड हैंडलिंग सेवा (Aviation Ground Handling Services ) कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी, जो देश के नौ हवाई अड्डों पर मौजूद है.

भारत आखिर तुर्किये से क्यों है नाराज

सरकार के ये कदम तुर्किये के पाकिस्तान प्रेम की प्रतिक्रिया हैं. नई दिल्ली ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी और हवाई ठिकानों पर हमले करके निशाना बनाया तो तुर्किये ने उसका खुलकर समर्थन किया. यहां तक की तुर्किये निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य अभियानों में भी किया था. नई दिल्ली का संदेश साफ है - तुर्किये की कंपनियों के साथ फिलहाल कोई 'सामान्य व्यवसाय' व्यवस्था नहीं हो सकती है, क्योंकि तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन है.

तुर्किये की कंपनी क्यों करती थी मेंटेनेंस 

टर्किश टेक्निक के साथ टाइ-अप के बारे में बताते हुए विल्सन ने कहा, ''हमने कुछ ऐसे विमानों के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जो पहले से ही मेंटेनेंस के लिए उसके पास हैं और मगर ऐसे विमान, जो मेंटेनेंस के लिए जाने वाले हैं, हम उसकी जगह दूसरी मेटेंनेंस एजेंसियों की तलाश कर रहे हैं.'' एयर इंडिया के लंबी दूरी के बोइंग 777 बेड़े के लिए मेंटेनेंस, मरम्मत और ओवरहाल सेवाएं वर्तमान में एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) द्वारा की जाती हैं. ये एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है और सरकार के अंतर्गत आता है. कुछ विमान अबू धाबी और सिंगापुर भी भेजे जा रहे हैं. विल्सन ने कहा, "वास्तव में AIESL ही एकमात्र विकल्प था मगर उनके पास बुनियादी रखरखाव के साथ-साथ पुनर्वास और रेट्रोफिट करने की क्षमता नहीं है. इसलिए हमें भारत से विमान बाहर भेजने पड़ते हैं और कुछ विमान AIESL को भेजते हैं."

एयर इंडिया पर भारत-पाकिस्तान टेंशन का असर?

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुई सैन्य शत्रुता का सीधा असर एयर इंडिया की लंबी दूरी की सेवाओं पर भी पड़ा है. पाकिस्तान के ऊपर हवाई क्षेत्र भारतीय स्वामित्व वाली एयरलाइनों के लिए बंद होने के कारण, उत्तरी अमेरिका के लिए एयर इंडिया की कुछ उड़ानों को अलग, लंबे मार्गों पर संचालित करना पड़ रहा है. कुछ नॉन-स्टॉप सेवाएं अब विमानों में ईंधन भरने के लिए वन-स्टॉप उड़ानें बन गईं हैं. विल्सन कहते हैं, "इसमें काफी अतिरिक्त लागत आती है और अंततः, यह उपभोक्ता पर ही डाला जाता है, क्योंकि कम सीटें उपलब्ध हैं और इसलिए सीटों की मांग अधिक है. इसलिए हम सभी आशा करते हैं कि यह जल्द से जल्द सामान्य हो जाए, लेकिन यह हमारे हाथ में नहीं है."

क्या एयर इंडिया की फ्लाइट्स कैंसिल हुईं

हालांकि, विल्सन इससे असहमत हैं कि पाकिस्तान के ऊपर हवाई क्षेत्र प्रतिबंध ने एयर इंडिया की लंबी दूरी की फ्लाइट्स को काफी हद तक बाधित किया है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि केवल तीन शहर हैं, जहां हम वर्तमान में नॉनस्टॉप संचालन नहीं कर रहे हैं. हमने पहले जो भी उड़ानें संचालित की हैं, वे लगातार बिना रुके चल रही हैं. इसलिए उत्तरी अमेरिका के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट्स लगातार जारी हैं." हालांकि, कुछ उड़ानों में अधिक समय लग रहा है -- एक घंटे से लेकर तीन घंटे तक, यह इस बात पर निर्भर करता है कि विमान किस शहर में जा रहा है लेकिन यह अभी भी बीच में कहीं से होकर गुजरने की तुलना में कहीं अधिक सुविधाजनक है.

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