नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर पिछले चार दिनों से बिहार तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में व्यापक बाढ़ राहत बचाव कार्य में लगे हुए हैं. ये हेलिकॉप्टर वायुसेना स्टेशन गोरखपुर से उड़ान भर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव राहत के लिए अभी तक कुल 58 उड़ानें भरी जा चुकी हैं. उत्तर प्रदेश तथा बिहार के अलग-अलग इलाकों में अभी तक 23 टन खाने के पैकेट गिराये जा चुके हैं. गौरतलब है कि 14 अगस्त 2017 को इस क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से गंडक नदी के आस-पास के सभी गांवों में बाढ़ आ गई है. खराब मौसम के बावजूद वायुसेना के पायलटों के अदम्य साहस के बल पर महाराजगंज के बैथोलिया गांव में फंसे हुए 43 नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.
हेलीकॉप्टर के कैप्टन विंग कमांडर निखिल मेहरोत्रा ने बाढ़ क्षेत्र से 15 लोगों को विंच करके तथा 28 गांव वालों को 11 अलग-अलग स्थानों से बचाव राहत कार्य के दौरान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. इसके बाद खाने के पैकेटों को लगभग सभी प्रभावित क्षेत्रों में गिराने का काम शुरू हुआ. इस काम में 3 हेलिकॉप्टरों को लगाया गया. इन हेलीकॉप्टरों ने बेतिया, महाराजगंज तथा कुशीनगर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनेक उड़ाने भरकर लोगों की मदद पहुंचाई.
पायलट विंग कमांडर आर के शर्मा की हवाई सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर सिद्धार्थनगर जिले में भी बचाव राहत कार्य शुरू किया गया है. एक हेलिकॉप्टर ने बिहार के बेतिया जिले में बचाव राहत कार्य शुरू किया. इसने गंडक नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित मंझरिया, पिपरसी, बिनवलिया, खप्परसा, बलवाल तथा बलुआ गांवों और संगौली, सेमरालाबेदहा नगरों के ऊपर खाने के पैकेट गिराये. दूसरे हेलिकॉप्टर ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से तीस नॉटीकल माइल उत्तर में स्थित शिवपुर, मर्चावाहा तथा शोंगी बरवा के ऊपर से राहत का काम किया. तीसरे हेलिकॉप्टर ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के प्रतापपुर तथा गंगावाल नगरों के ऊपर से बाढ़ राहत बचाव कार्य किया.
सेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन वसंत कुमार पांडेय ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि जब तक इन इलाकों से पानी का स्तर घट नहीं जाता या सिविल प्रशासन द्वारा सामान्य स्थिति बहाल नहीं कर दी जाती तब तक बचाव राहत कार्य जारी रहेगा.
हेलीकॉप्टर के कैप्टन विंग कमांडर निखिल मेहरोत्रा ने बाढ़ क्षेत्र से 15 लोगों को विंच करके तथा 28 गांव वालों को 11 अलग-अलग स्थानों से बचाव राहत कार्य के दौरान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. इसके बाद खाने के पैकेटों को लगभग सभी प्रभावित क्षेत्रों में गिराने का काम शुरू हुआ. इस काम में 3 हेलिकॉप्टरों को लगाया गया. इन हेलीकॉप्टरों ने बेतिया, महाराजगंज तथा कुशीनगर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अनेक उड़ाने भरकर लोगों की मदद पहुंचाई.
पायलट विंग कमांडर आर के शर्मा की हवाई सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर सिद्धार्थनगर जिले में भी बचाव राहत कार्य शुरू किया गया है. एक हेलिकॉप्टर ने बिहार के बेतिया जिले में बचाव राहत कार्य शुरू किया. इसने गंडक नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित मंझरिया, पिपरसी, बिनवलिया, खप्परसा, बलवाल तथा बलुआ गांवों और संगौली, सेमरालाबेदहा नगरों के ऊपर खाने के पैकेट गिराये. दूसरे हेलिकॉप्टर ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से तीस नॉटीकल माइल उत्तर में स्थित शिवपुर, मर्चावाहा तथा शोंगी बरवा के ऊपर से राहत का काम किया. तीसरे हेलिकॉप्टर ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के प्रतापपुर तथा गंगावाल नगरों के ऊपर से बाढ़ राहत बचाव कार्य किया.
सेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन वसंत कुमार पांडेय ने एनडीटीवी इंडिया से कहा कि जब तक इन इलाकों से पानी का स्तर घट नहीं जाता या सिविल प्रशासन द्वारा सामान्य स्थिति बहाल नहीं कर दी जाती तब तक बचाव राहत कार्य जारी रहेगा.
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