भारत और चीन के सैनिकों की बीच हिंसक झड़प और तनाव के मध्य भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauria) ने शनिवार को कहा कि भारत शांति स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है लेकिन गालवान घाटी में दिए गए "बलिदान" को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. वायुसेना प्रमुख ने हैदरबाद के नजदीक स्थित वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड में यह बात कही.
वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सोमवार को गालवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर कहा, "अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हालातों में वीरतापूर्ण कार्रवाई ने किसी भी कीमत पर भारत की संप्रभुत्ता की रक्षा की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाया है." भारत और चीन सेना के बीच हुई झड़प में हमारे 20 जवानों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की. भारतीय सेना ने इस बात की पुष्टि की है. वहीं, सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि इस झड़प में चीन के 40 सैनिकों की मौत हुई है या फिर घायल हुए हैं.
भदौरिया ने कहा, "शांति बहाल करने की सभी कोशिशें की जा रही हैं. हम भविष्य में आने वाली किसी भी परिस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और तैनात हैं. हम गालवान घाटी के "बलिदान" को व्यर्थ नहीं होने देंगे." उन्होंने कहा, "हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य यह बताता है कि हमारे सुरक्षा बल हर समय तैयार हैं और हर चीज पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं."
लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गई एक सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है. पीएम मोदी ने कहा कि डिप्लॉयमेंट हो, एक्शन हो, काउंटर एक्शन हो, जल-थल-नभ में हमारी सेनाओं को देश की रक्षा के लिए जो करना है, वो कर रही हैं. आज हमारे पास ये कैपेबिलिटी है कि कोई भी हमारी एक इंच जमीन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देख सकता.
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