नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने पहली बार एलसीए तेजस में उड़ान भरी। बेंगलुरु में एचएएल एयरपोर्ट पर आज 12 बजे यह उड़ान भरी गई। तकरीबन 30 मिनट उड़ान भरने वाले राहा ने कहा कि तेजस में यह उनकी पहली उड़ान है और वायुसेना में शामिल होने के लिए यह एक बढ़िया एयरक्राफ्ट है।
पहली बार देश में बने लड़ाकू विमान से उड़ान भरी
इस दौरान विमान में उनके साथ ग्रुप कैप्टन एम रंगाचारी मौजूद थे। यह पहला मौका है जब किसी वायुसेना प्रमुख ने देश में बने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी है। तेजस ने इस मौके पर करतब भी दिखाए। खुद एक फाइटर पायलट रहे राहा ने तेजस की उड़ान भरने की योग्यता की तारीफ की और एचएएल की टीम को बधाई दी। तेजस का सिलसिलेवार ढंग से उत्पादन बेंगलुरु में शुरू हो चुका है और उम्मीद है कि इसकी पहली स्क्वैड्रन इस साल जुलाई तक तैयार हो जाएगी।
तेजस ने पोखरण में किया था प्रदर्शन
पिछले दिनों तेजस ने पोकरण में हुए वायुसेना के युद्धाभ्यास आयरन फिस्ट में मिसाइल दागे थे। इसी साल बहरीन के एयरशो में तेजस ने उड़ान भरकर अपनी क्षमता का पदर्शन किया था। वायुसेना ने एचएएल को 120 एलसीए का ऑर्डर दिया है, जिसमें से 100 एलसीए मार्क 2 होंगे। केवल एक इंजन का तेजस बेहद हल्का, बेहद फुर्तीला और एक साथ बहुत सारी भूमिका निभाने में सक्षम है।
मिग-21 की कमी को करेगा पूरा
पुराने पड़ चुके मिग-21 की कमी को पूरा करने के लिहाज से तेजस काफी अहम माना जा रहा है। श्रीलंका और मिस्र जैसे देशों ने पाकिस्तान और चीन की मदद से बने जेएफ-17 के बजाय इस विमान को खरीदने में रुचि जताई है।
पहली बार देश में बने लड़ाकू विमान से उड़ान भरी
इस दौरान विमान में उनके साथ ग्रुप कैप्टन एम रंगाचारी मौजूद थे। यह पहला मौका है जब किसी वायुसेना प्रमुख ने देश में बने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी है। तेजस ने इस मौके पर करतब भी दिखाए। खुद एक फाइटर पायलट रहे राहा ने तेजस की उड़ान भरने की योग्यता की तारीफ की और एचएएल की टीम को बधाई दी। तेजस का सिलसिलेवार ढंग से उत्पादन बेंगलुरु में शुरू हो चुका है और उम्मीद है कि इसकी पहली स्क्वैड्रन इस साल जुलाई तक तैयार हो जाएगी।
तेजस ने पोखरण में किया था प्रदर्शन
पिछले दिनों तेजस ने पोकरण में हुए वायुसेना के युद्धाभ्यास आयरन फिस्ट में मिसाइल दागे थे। इसी साल बहरीन के एयरशो में तेजस ने उड़ान भरकर अपनी क्षमता का पदर्शन किया था। वायुसेना ने एचएएल को 120 एलसीए का ऑर्डर दिया है, जिसमें से 100 एलसीए मार्क 2 होंगे। केवल एक इंजन का तेजस बेहद हल्का, बेहद फुर्तीला और एक साथ बहुत सारी भूमिका निभाने में सक्षम है।
मिग-21 की कमी को करेगा पूरा
पुराने पड़ चुके मिग-21 की कमी को पूरा करने के लिहाज से तेजस काफी अहम माना जा रहा है। श्रीलंका और मिस्र जैसे देशों ने पाकिस्तान और चीन की मदद से बने जेएफ-17 के बजाय इस विमान को खरीदने में रुचि जताई है।
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