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This Article is From Aug 04, 2022

'देश से मोहब्बत क्या डीपी लगाने से होती है ' : AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का PM मोदी पर तंज

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि तिरंगे को लेकर भाजपा वाले कह रहे हैं कि जो नहीं लहराएगा उसकी वफादारी पर शक होगा. हम यह पूछना चाह रहे कि ऑर्गेनाइजर मैगजीन के उस आर्टिकल को लेकर बीजेपी और आरएसएस वाले क्या बोलेंगे. 

RSS के मुखपत्र में तिरंगे को लेकर छपी बात पर ओवैसी का तंज

नई दिल्ली:

हर घर तिरंगा अभियान को लेकर सियासत गरमाई हुई है. पक्ष और विपक्ष आपस में भिड़े हुए हैं. वहीं, इस पूरे मामले पर  AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जुलाई 1947 में RSS के मुख पत्र ऑर्गेनाइजर मैगजीन ने एक आर्टिकल में कहा था कि हम डिमांड करते हैं कि तिरंगा हमारा नेशनल फ्लैग न हो बल्कि भगवा फ्लैग हो. साथ ही उन्‍होंने कहा कि ऑर्गेनाइजर ने ही अगस्‍त 1947 में अपने इश्‍यू में कहा कि तिरंगे के तीन रंग अशुभ हैं और इससे साइकोलॉजिकल असर पड़ता है. हम पीएम मोदी और आरएसएस से पूछता चाहते हैं कि क्‍या इससे सहमत हैं?

उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि तिरंगे को लेकर भाजपा वाले कह रहे हैं कि जो नहीं लहराएगा उसकी वफादारी पर शक होगा. हम यह पूछना चाह रहे कि ऑर्गेनाइजर मैगजीन के उस आर्टिकल को लेकर बीजेपी और आरएसएस वाले क्या बोलेंगे. देश से मोहब्बत क्या डीपी लगाने से होती है. 15 अगस्त के बाद झंडा निकल जाएगा तो क्या मोहब्बत चली जाएगी. पैदाइशी मोहब्बत होनी चाहिए. 

ओवैसी ने कहा कि 1930 में तिरंगे का जब आकार बना था, जब स्वतंत्रता सेनानियों ने तिरंगे को बनाया था. तब आरएसएस के सरसंघसंचालक ने कहा था कि तिरंगा का साथ मत दो. भगवा का साथ दो . भाजपा और आरएसएस के लोग समझते हैं कि हम तारीख नहीं जानते हैं. हम इतिहास के विद्यार्थी हैं. इस कारण थोड़ा बहुत जानते हैं.  

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