फाइल फोटो
नागपुर:
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की और संभवत: नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में एक साल पूरा करने से पहले उन्हें संगठन के मामलों से अवगत कराया।
शाह इस हफ्ते भागवत से मुलाकात करने वाले बीजेपी के दूसरे बड़े नेता हैं। इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे मुलाकात की थी।
बीजेपी या आरएसएस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनाथ के संघ मुख्यालय के दौरे से इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि उन्होंने मोदी के करीबी शाह के काम करने के तरीके और निर्णय करने की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी।
शाह ने भागवत और आरएसएस के अन्य शीर्ष नेताओं से डेढ़ घंटे तक वार्ता की, लेकिन उन्होंने संवाददाताओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
बहरहाल आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक शाह ने संघ नेताओं को केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार की 'सफलताओं और खामियों' के बारे में बताया।
वार्ता में सांगठनिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें विपक्षी दलों द्वारा बीजेपी पर प्रहार और उनसे निपटने की चुनौतियां भी शामिल हैं।
बीजेपी का मानना है कि सरकार के एक वर्ष पूरा करने से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी को 'गरीब विरोधी और किसान विरोधी' करार देने से छवि खराब हो रही है।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संघ मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की थी और राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य के बारे में चर्चा की थी।
लौटने से पहले शाह ने रेशीमबाग में आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर 'स्मृति मंदिर' में शिरकत करने वाले स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया। उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनके आवास पर मुलाकात भी की।
शाह इस हफ्ते भागवत से मुलाकात करने वाले बीजेपी के दूसरे बड़े नेता हैं। इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनसे मुलाकात की थी।
बीजेपी या आरएसएस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनाथ के संघ मुख्यालय के दौरे से इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि उन्होंने मोदी के करीबी शाह के काम करने के तरीके और निर्णय करने की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी।
शाह ने भागवत और आरएसएस के अन्य शीर्ष नेताओं से डेढ़ घंटे तक वार्ता की, लेकिन उन्होंने संवाददाताओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
बहरहाल आरएसएस के सूत्रों के मुताबिक शाह ने संघ नेताओं को केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार की 'सफलताओं और खामियों' के बारे में बताया।
वार्ता में सांगठनिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें विपक्षी दलों द्वारा बीजेपी पर प्रहार और उनसे निपटने की चुनौतियां भी शामिल हैं।
बीजेपी का मानना है कि सरकार के एक वर्ष पूरा करने से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पार्टी को 'गरीब विरोधी और किसान विरोधी' करार देने से छवि खराब हो रही है।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संघ मुख्यालय में भागवत से मुलाकात की थी और राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य के बारे में चर्चा की थी।
लौटने से पहले शाह ने रेशीमबाग में आरएसएस के प्रशिक्षण शिविर 'स्मृति मंदिर' में शिरकत करने वाले स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया। उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उनके आवास पर मुलाकात भी की।
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