नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय ने बसपा पार्टी प्रमुख मायावाती के भाई आनंद के खाते में 1.43 करोड़ रूपये की भारी-भरकम राशि जमा कराए जाने का पता लगाया है. अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों में संदिग्ध और भारी रकम राशि जमाए जाने की जांच और सर्वेक्षण अभियान के तहत सोमवार को एक बैंक की शाखा का दौरा किया और पाया कि नोटबंदी के बाद इन दो खातों में बड़े पैमाने पर रकम जमा कराई गई. इस पर बसपा का जवाब हासिल करने का प्रयास सफल नहीं हो पाया.
प्रवर्तन निदेशालय ने इस खाते के बारे में पता लगाया जिसका ताल्लुक मायावाती के भाई आनंद से है. इस खाते में 1.43 करोड़ रुपये की राशि मिली है. नोटबंदी के बाद 18.98 लाख रुपये पुराने नोटों में जमा कराए गए. एजेंसी ने बैंक से इन दोनों खातों के बारे में पूरा ब्योरा मांगा है. समझा जा रहा है कि एजेंसी आयकर विभाग को इस बारे में लिखेगी जिसे राजनीतिक दलों को मिले चंदे और अनुदान की वैधानिकता की जांच का अधिकार हासिल है.
ईडी ने बैंक से सीसीटीवी फुटेज और खाते खोलने के लिए दस्तेमाल किए गए केवाईसी दस्तावेज भी मांगे हैं. माना जा रहा है कि आनंद के खातों के संदर्भ में एजेंसी जल्द ही आनंद को नोटिस जारी करेगी और कर अपवंचन कानून के तहत जांच के लिए आयकर अधिकारियों से भी कहेगी. ईडी नोटबंदी के बाद हुए हवाला और धनशोधन के मामलों की जांच के लिए 50 से अधिक शाखाओं में पड़ताल कर रही है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों से पहले मायावती के लिए यह झटका है. गौरतलब है कि मायावती पर भी आय से अधिक संपत्ति का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. मायावती नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार के कदम का लगातार विरोध करती रही हैं.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रवर्तन निदेशालय ने इस खाते के बारे में पता लगाया जिसका ताल्लुक मायावाती के भाई आनंद से है. इस खाते में 1.43 करोड़ रुपये की राशि मिली है. नोटबंदी के बाद 18.98 लाख रुपये पुराने नोटों में जमा कराए गए. एजेंसी ने बैंक से इन दोनों खातों के बारे में पूरा ब्योरा मांगा है. समझा जा रहा है कि एजेंसी आयकर विभाग को इस बारे में लिखेगी जिसे राजनीतिक दलों को मिले चंदे और अनुदान की वैधानिकता की जांच का अधिकार हासिल है.
ईडी ने बैंक से सीसीटीवी फुटेज और खाते खोलने के लिए दस्तेमाल किए गए केवाईसी दस्तावेज भी मांगे हैं. माना जा रहा है कि आनंद के खातों के संदर्भ में एजेंसी जल्द ही आनंद को नोटिस जारी करेगी और कर अपवंचन कानून के तहत जांच के लिए आयकर अधिकारियों से भी कहेगी. ईडी नोटबंदी के बाद हुए हवाला और धनशोधन के मामलों की जांच के लिए 50 से अधिक शाखाओं में पड़ताल कर रही है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों से पहले मायावती के लिए यह झटका है. गौरतलब है कि मायावती पर भी आय से अधिक संपत्ति का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. मायावती नोटबंदी के मुद्दे पर मोदी सरकार के कदम का लगातार विरोध करती रही हैं.
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