ममता ने कहा, शांति बनाए रखने के लिए मैं वह सब करूंगी जो भी मुझे करना चाहिए...
कोलकाता:
दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन और मोहर्रम एक साथ न होने देने के पश्चिम बंगाल सरकार के फ़ैसले को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा, ऐसे मनमाने आदेश नहीं दिए जा सकते. उधर, बीजेपी समेत कई विरोधियों के निशाने पर आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पलटवार किया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर ममता बनर्जी ने कहा, 'कोई मेरा गला काट सकता है, लेकिन मुझे यह नहीं बता सकता है कि क्या करना है, क्या नहीं करना है. शांति बनाए रखने के लिए मैं वह सब करूंगी जो भी मुझे करना चाहिए.'
उल्लेखनीय है कि ममता सरकार ने फैसला लिया है कि मुहर्रम के अगले दिन ही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन होगा. इस बार दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन 1 अक्टूबर को पड़ रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसला लिया कि मुहर्रम के दिन को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर ममता बनर्जी का आदेश हाईकोर्ट ने किया रद्द, कहा- मनमानी नहीं कर सकते
ममता ने आगे कहा, "कौन क्या पूजा करेगा, कैसे करेगा, ये हमारा अपना अधिकार है. मैं जब मुस्लिम के यहां कार्यक्रम में जाती हूं तो लोग कहते हैं कि मैं मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही हूं. जब मैं हिंदू के यहां जाती हूं तब क्या होता है. ये बहुत ही अपमानजनक बात है. हम कब विसर्जन करेंगे ये हमें पता है. शनिवार को विसर्जन होता हुआ मैंने तो कभी नहीं सुना. आज आप अचानक मुझे बोल देंगे कि इसे बदल दो तो मैं ऐसा नहीं कर सकती. ज़रूरत हो तो मेरा गला काट दीजिए, लेकिन आप मुझे ये नहीं बोल सकते कि ऐसा करो और ऐसा मत करो. और अगर किसी ने उत्सव के समय माहौल खराब करने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा."
VIDEO : मोहर्रम और दुर्गा विसर्जन पर ममता सरकार के फैसले को हाईकोर्ट ने किया खारिज
इससे पहले बुधवार को भी कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य की ममता सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आप दो समुदायों के बीच दरार क्यों पैदा कर रहे हैं. दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर राज्य में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है उन्हें साथ रहने दीजिए. इस साल दशहरा के अगले दिन ही मुहर्रम है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिमा विसर्जन की तारीख बढ़ाने का फ़ैसला किया था. इसी के विरोध में एक वकील अमरजीत रायचौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
उल्लेखनीय है कि ममता सरकार ने फैसला लिया है कि मुहर्रम के अगले दिन ही दुर्गा प्रतिमा विसर्जन होगा. इस बार दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन 1 अक्टूबर को पड़ रहे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने फैसला लिया कि मुहर्रम के दिन को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जा सकता है.
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ममता ने आगे कहा, "कौन क्या पूजा करेगा, कैसे करेगा, ये हमारा अपना अधिकार है. मैं जब मुस्लिम के यहां कार्यक्रम में जाती हूं तो लोग कहते हैं कि मैं मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही हूं. जब मैं हिंदू के यहां जाती हूं तब क्या होता है. ये बहुत ही अपमानजनक बात है. हम कब विसर्जन करेंगे ये हमें पता है. शनिवार को विसर्जन होता हुआ मैंने तो कभी नहीं सुना. आज आप अचानक मुझे बोल देंगे कि इसे बदल दो तो मैं ऐसा नहीं कर सकती. ज़रूरत हो तो मेरा गला काट दीजिए, लेकिन आप मुझे ये नहीं बोल सकते कि ऐसा करो और ऐसा मत करो. और अगर किसी ने उत्सव के समय माहौल खराब करने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा."
VIDEO : मोहर्रम और दुर्गा विसर्जन पर ममता सरकार के फैसले को हाईकोर्ट ने किया खारिज
इससे पहले बुधवार को भी कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य की ममता सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आप दो समुदायों के बीच दरार क्यों पैदा कर रहे हैं. दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर राज्य में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है उन्हें साथ रहने दीजिए. इस साल दशहरा के अगले दिन ही मुहर्रम है. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिमा विसर्जन की तारीख बढ़ाने का फ़ैसला किया था. इसी के विरोध में एक वकील अमरजीत रायचौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
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