दिग्गज और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं. गुलाम नबी के इस्तीफे के बाद उनके गृहनगर जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस से नेताओं की इस्तीफों की झड़ी लग चुकी हैं. जानकारी के मुताबिक लगभग 100 नेता और पार्टी के पदाधिकारी आज इस्तीफा देने के बाद गुलाम नबी का साथ देंगे. कांग्रेस से अलग होने के बाद गुलमा नबी आजाद अपनी पार्टी शुरू करने की योजना बना रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद समेत कई पूर्व मंत्री और विधायक कांग्रेस छोड़ने वालों में से हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद ने एनडीटीवी को जानकारी देते हुए बताया, "हां. मैं कांग्रेस से इस्तीफा दे रहा हूं और आजाद साहब की पार्टी में शामिल हो रहा हूं." जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर समेत कांग्रेस के चार नेताओं ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया.
गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस छोड़ते वक्त राहुल गांधी पर कई सवाल उठाए. तब से, पूर्व मंत्रियों और विधायकों सहित कांग्रेस के एक दर्जन से अधिक प्रमुख नेता पार्टी छोड़ चुके हैं. जिन्होंने गुलाम नबी आजाद को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. बड़ी संख्या में पंचायत सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने भी कहा है कि वे गुलाम नबी आजाद का समर्थन करते हैं. कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता आजाद का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में पार्टी के 95 फीसदी कार्यकर्ता, पंचायत सदस्य और कांग्रेस के जिला विकास परिषद के सदस्य उनके साथ हो गए हैं.
हालांकि जम्मू और कश्मीर में कांग्रेस इकाई ने आजाद पर हमलावर होते हुए कहा वह अमरिंदर सिंह के रास्ते पर चलेंगे, जो कांग्रेस के एक और दिग्गज हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी छोड़ दी और पंजाब चुनाव में हार गए. हालांकि, अंतर यह है कि कांग्रेस द्वारा उन्हें बर्खास्त किए जाने और पार्टी के कुछ नेताओं के शामिल होने के बाद अमरिंदर सिंह अलग-थलग पड़ गए थे; उनके समर्थकों का कहना है कि आज़ाद ने सचमुच जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को अपने साथ ले लिया है.
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के प्रमुख विकार रसूल ने कहा, "जिन लोगों ने पार्टी छोड़ी है, हम उन्हें अब चला गया स्क्रैप मानते हैं. हम नए चेहरों को नए नजरिए के साथ लाएंगे." गुलाम नबी आजाद ने कल एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में एक पार्टी शुरू करने की अपनी योजना की पुष्टि की और भाजपा के साथ किसी भी तरह के सहयोग से इनकार किया. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ गठबंधन करने का कोई सवाल ही नहीं है.
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर कोई जम्मू-कश्मीर की एबीसी जानता है, तो उन्हें एहसास होगा कि अगर मैं बीजेपी से जुड़ता हूं तो न तो बीजेपी को और न ही मुझे कोई फायदा होगा." क्योंकि उनका एक अलग वोट बैंक है जबकि मेरा वोट बैंक अलग है,"
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