कांग्रेस ने जाने माने गायक अदनान सामी को पद्मश्री दिए जाने पर रविवार को सवाल उठाया और तंज कसते हुए कहा कि अब ‘भाजपा सरकार की चमचागिरी' यह प्रतिष्ठित सम्मान दिए जाने का नया मानदंड बन गया है. पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने यह सवाल भी किया कि ऐसा क्यों हुआ कि करगिल युद्ध में शामिल हुए सैनिक सनाउल्लाह को ‘घुसपैठिया' घोषित कर दिया गया, जबकि उस सामी को पद्म सम्मान दिया जा रहा है जिसके पिता ने पाकिस्तानी वायुसेना में रहकर भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी? इस पर अदनान सामी ने शेरगिल पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक पिता के कामों के लिए बेटा कैसे जिम्मेदारी हो सकता है.
सामी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'हे बच्चे, क्या आपने दिमाग 'क्लीयरेंस सेल' से या सेकंड हैंड नॉवेल्टी स्टोर से लिया है? क्या बर्कले में ये ही सिखाया गया था कि एक बेटे को उसके माता-पिता के कामों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए या दंडित किया जाना चाहिए. और आप एक वकील हैं. क्या आपने लॉ स्कूल में यही सीखा. इसके साथ ही शुभकामनाएं.'
शेरगिल ने एक वीडियो जारी कर कहा था, ‘भारतीय सेना के वीर सिपाही और भारत माता के पुत्र मोहम्मद सनाउल्लाह जिन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की लड़ाई लड़ी, उनको एनआरसी के जरिए घुसपैठिया घोषित कर दिया गया. दूसरी तरफ, अदनान सामी को पद्म श्री से नवाज दिया गया जिनके पिता पाकिस्तानी वायुसेना में अफसर थे और जिन्होंने भारत के खिलाफ गोलाबारी की थी.'
अदनान को पद्मश्री देने पर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, पूछा- क्या चमचागिरी है नया मानदंड?
उन्होंने सवाल किया, ‘पाक के खिलाफ लड़ने वाला भारत का सिपाही घुसपैठिया और पाक वायुसेना के अफसर के बेटे को सम्मान क्यों? क्या पद्मश्री के लिए समाज में योगदान जरुरी है या सरकार का गुणगान? क्या पद्मश्री के लिए नया मानदंड है कि करो सरकार की चमचागिरी, मिलेगा तुमको पद्मश्री?'
गौरतलब है कि कुछ साल पहले भारत की नागरिकता हासिल करने वाले सामी को इस साल पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की गई है. सामी पहले पाकिस्तानी नागरिक थे. हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सामी को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने पर खुशी जताई. सिंह ने ट्वीट किया, ‘पद्म पुरस्कार के लिए चुने गए सभी लोगों को बधाई. मुझे खुशी है कि प्रसिद्ध गायक एवं संगीतकार और पाकिस्तानी मुसलमान प्रवासी अदनान सामी को भी पद्म श्री दिया गया है.'
उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें भारतीय नागरिकता देने के लिए भारत सरकार से उनके मामले की सिफारिश भी की थी. उन्हें मोदी सरकार ने भारतीय नागरिकता दी थी. भारत सरकार को भारतीय नागरिकता चाहने वाले हर धर्म के किसी भी व्यक्ति को नागरिकता देने का पूरा अधिकार है, तो फिर कैब/सीएए क्यों? भारतीय राजनीति का केवल ध्रुवीकरण करने के लिए. यदि पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार हुआ उच्च प्रतिष्ठा वाला कोई व्यक्ति भारतीय नागरिकता चाहता है, तो भारत सरकार अब क्या करेगी?'
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