अभिनेता आदित्य पंचोली का विवादों से पुराना नाता है। पहले भी वो दूसरे मामले में जेल जा चुके हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस हिरासत में रहते हुए भी उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। उलटे अदालत में भी वो उल जलूल हरकतें करते रहे।
हालांकि मजिस्ट्रेट के आने के बाद एक अच्छे बच्चे की तरंह शांत हो गए। लेकिन अंत में मजिस्ट्रेट से भी गुजारिश करने से बाज नहीं आए। कहा कि पुलिस हिरासत में पूरी रात उन्होंने नर्क की तरंह गुजारी है। अगर सुविधा नहीं दे सकते तो पुलिस हिरासत में भी नहीं भेजना चाहिए।
आदित्य की अदालत में की गई नौटंकी की बानगी देखिए...
आदित्य पंचोली ने अदालत पंहुचकर पुलिस जीप से निकलते ही जहां मीडिया की तरफ मुखातिब होकर गणपति बाप्पा मोरया का नारा लगाया। वंही कोर्ट रूम में आकर बगल की बेंच पर बैठे कुछ लोगों को उठा दिया। कहा कि अगर ये यहां बैठेंगे तो मैं नहीं बैठूंगा। इसके बाद आदित्य अजीब-अजीब हरकतें करते रहे।
एक बार तो उठकर कोर्ट रूम से बाहर जाने लगे। पुलिस ने रोका तो कहा बस बाहर हवा खाने जा रहा हूं। रोकने वाले पुलिसकर्मी को धौंस भी दी कि क्या तुम्हे पता नहीं कोर्ट रूम में टोपी नहीं पहनते। आदित्य ने पास में बैठे एक वकील के सिर के बाल पर भी व्यंग करते हुए फ़िल्मी डायलॉग मारा "ये बाल मुझे देदे ठाकुर"। यहां ये बताना जरूरी है कि ये सब तब हो रहा था जब मजिस्ट्रेट साहिबा बैठी नहीं थीं। इस बीच एक वकील को फोन पर बात करते देख आदित्य ने टोका भी कि अदालत में फोन पर बात नहीं करते।
आदित्य यहीं नहीं रुके, अपने पीछे बैठे एक शख्स से अपनी एक फ़िल्म का डायलॉग पूछा। नहीं बता पाने पर बादाम खाने की हिदायत दी। इस बीच एक छोटे कद के वकील ने आदित्य से चुपचाप बैठने को कहा तो आदित्य ने बड़े प्यार से उन्हें समझाया कि ज्यादा मत बोलो लंबे हो जाओगे। फिर हम मीडिया वालों की तरफ मुखातिब होकर फ़िल्मी अंदाज में उंगली दिखाकर कहा कि मैं आप लोगों को जानता हूं। आप लोग मेरे दोस्त नहीं हैं। लेकिन लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ हैं, अपना पॉवर दिखाओ.. मुसली पॉवर(हंसते हुए)।
तभी अदालत में एक जटाधारी बाबा ने प्रवेश किया। आदित्य ने उन्हें हरिओम कह कर नमन किया और पूछा, बाबा आप यहां क्यों आए। आपका भी केस है क्या? वैसे आपके पास केस(बाल) है हमारे पास नहीं है (मराठी में बाल को केस कहते हैं)।
आदित्य पंचोली ने कटघरे में खड़े दूसरे आरोपियों की तरफ मुखातिब होकर इशारों में पूछा कि क्या मैं वहां आ जाऊं? हैरानी की बात है कि आदित्य ने खड़े होकर कोर्ट रूम में बैठे लोगों से माफ़ी भी मांगी कि एक आदमी की वजह से आप लोगों को तकलीफ हो रही है। इसलिए मैं बाहर जाना चाहता हूं लेकिन पुलिस वाले जाने नहीं दे रहे। थोड़ी देर में जैसे ही मजिस्ट्रेट साहिबा आयीं आदित्य पंचोली अच्छे बच्चे की तरंह शांत हो गए। थोड़ी सुनवाई के बाद उन्हें जमानत भी मिल गई।
आदित्य पंचोली को जुहू के एक पब में मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आदित्य पर आरोप है कि उन्होंने डीजे से अंग्रेजी की बजाय हिंदी गाना बजाने की गुजारिश की थी। लेकिन जब डीजे ने उनकी नहीं सुनी तो नाराज होकर उन्होंने हंगामा किया और मारपीट भी की।
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