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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के चाचा ससुर मदनलाल शर्मा के कमिशन के सामने दिए बयान से ना सिर्फ अशोक चव्हाण के लिए लिए बल्कि चव्हाण की पत्नी अमिता को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है।
रेंट रेसिप्ट में अमिता को अँधेरी के उस फ्लैट का मालिक और शर्मा को किरायेदार बताया गया जिसका मालिकाना हक मदनलाल शर्मा के पास 1985 से है। नियमों के मुताबिक सरकारी कोटे में सिर्फ उन लोगों को फ्लैट मिल सकते हैं जिनके पास मुंबई में रहने के लिए मकान नहीं है। लेकिन, चव्हाण ने नियमों को तोड़मरोड़ कर अपने चाचा ससुर के लिए आदर्श इमारत में फ्लैट दिलवा दिया।
शर्मा ने कमिशन को कहा, "मैंने सिर्फ फॉर्म पर हस्ताक्षर किए थे उन्हें इस बात का बिलकुल अंदाजा नहीं थी कि उनकी सदस्यता का फॉर्म किसने भरा।"
शर्मा ने कमीशन के सामने खुलासा किया कि उन्होंने आदर्श के लिए 13 अगस्त 2009 में फॉर्म भरा था और उनकी सदस्यता 30 अगस्त 2009 को मान्य हो गई। शर्मा ने बताया कि आदर्श के लिए फॉर्म भरते वक़्त महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उनके दामाद) अशोक चव्हाण थे। शर्मा ने दावा किया कि फ्लैट के लिए लगने वाले पूरे 70 लाख रुपये का भुगतान मालव शाह ने किया। मालव पुणे के चर्चित बिल्डर जयंत शाह के बेटे हैं जिनकी अशोक चव्हाण से नजदीकियां किसी से छुपी हुई नहीं हैं।
मालव ने चव्हाण के एक और रिश्तेदार के फ्लैट के लिए रकम का भुगतान किया है। शर्मा ने दावा किया कि आदर्श के ऊपर हो रहे विवाद के चलते ही उन्होंने 29 अक्टूबर 2010 को आदर्श सोसाइटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया, "लेकिन सोसाइटी ने अभी तक मेरी रकम का वापस भुगतान नहीं किया है।"
अशोक चव्हाण के चाचा ससुर ने तो कमिशन के सामने उनकी पोल खोल कर रख दी सोमवार को चव्हाण की साली सीमा शर्मा कमीशन के सामने पेश होने वाली है।
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