विज्ञापन
This Article is From Nov 19, 2023

उत्तरकाशी में मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए पांच विकल्पों वाली कार्ययोजना

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने बताया कि, सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाएं और मेवे भेज रही है सरकार

उत्तरकाशी में मजदूरों को सुरंग से निकालने के लिए पांच विकल्पों वाली कार्ययोजना
उत्तराखंड में सिल्कयारा टनल से मजदूरों को निकालने की कोशिशें जारी हैं.
नई दिल्ली:

उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए अभियान आठवें दिन भी जारी रहा. सिल्कयारा टनल से मजदूरों को निकालने के लिए पांच विकल्पों वाली कार्ययोजना अपनाई जाएगी. सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने सरकार के फैसले के बारे में जानकारी दी.

उत्तरकाशी में सुरंग ढहने से फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए सरकार को पांच वैकल्पिक योजनाओं पर काम कर रही है. केंद्र सरकार ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें श्रमिकों को बचाने के लिए पांच विकल्पों पर विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की गई.

सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने रविवार को कहा कि सरकार उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सुरंग के ढहने के बाद उसमें पिछले सात दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाओं के साथ ही सूखे मेवे भेज रही है.

अनुराग जैन ने कहा, ‘‘सौभाग्य से, अंदर रोशनी है क्योंकि बिजली चालू है. वहां एक पाइपलाइन है और इसलिए पानी उपलब्ध है. चार इंच का एक पाइप है, जिसका उपयोग ‘कंप्रेशन' (दबाव) के लिए किया गया था. उसके माध्यम से, हम पहले दिन से खाद्य सामग्री भेज रहे हैं.''

जैन ने उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान की ताजा जानकारी देने के लिए एक वीडियो जारी किया. उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर दो किलोमीटर के हिस्से में पानी और बिजली उपलब्ध है, जो उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में 4.531 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग का तैयार हिस्सा है.

उन्होंने कहा, 'हम उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसादरोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रहे हैं.''

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘आलवेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है.

सुरंग का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के तहत किया जा रहा है. निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर से मुहाने से 270 मीटर अंदर करीब 30 मीटर का हिस्सा पिछले रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह गया था और तब से श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए युद्वस्तर पर बचाव एवं राहत अभियान चलाया जा रहा है.

बचाव अभियान शुक्रवार दोपहर को निलंबित कर दिया गया था जब श्रमिकों के लिए निकलने का मार्ग तैयार करने के लिए ड्रिल करने के वास्ते लगायी गई अमेरिका निर्मित ऑगर मशीन में खराबी आ गई जिससे चिंता बढ़ गई. जब तक ड्रिलिंग रोकी गई, तब तक ऑगर मशीन सुरंग के अंदर 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे के माध्यम से 24 मीटर तक ड्रिल कर चुकी थी.

केंद्र सरकार ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिसमें श्रमिकों को बचाने के लिए पांच विकल्पों पर विभिन्न एजेंसियों के साथ चर्चा की गई. एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद को सभी केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय का प्रभारी बनाया गया है और उन्हें सिलक्यारा में तैनात किया गया है.

फंसे हुए श्रमिकों तक शीघ्र पहुंच बनाने विभिन्न एजेंसियों को लगाया गया है जिनमें ओएनजीसी, आरवीएनएल, सतलुज जल विकास निगम लिमिटेड, बीआरओ और राज्य पीडब्ल्यूडी, एनएचआईडीसीएल शामिल हैं.

एनएचआइडीसीएल द्वारा इस संबंध में जारी एक बयान के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर करीब पौने तीन बजे पांचवें पाइप को डाले जाने के दौरान सुरंग में एक बहुत जोर की कर्कश ध्वनि सुनाई दी जिसके बाद बचाव अभियान रोक दिया गया.

बयान के अनुसार, इस आवाज से बचावकर्मियों में घबराहट फैल गई. परियोजना से जुड़े एक विशेषज्ञ ने आसपास कुछ ढहने की चेतावनी भी दी जिसके बाद पाइप को अंदर डालने का काम रोक दिया गया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com