काले धन पर बनने वाले नए कानून के अंतर्गत यदि बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों को अवैध संपत्ति जमा रखने का दोषी पाया जाता है, तो उन पर भी कार्रवाई हो सकती है। इसके अलावा काला धन रखने वालों तथा इससे लाभ लेने वालों पर तो कार्रवाई होगी। राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने आज कहा, 'नए कानून में कालाधन रखने अथवा उसे पैदा करने वाले अपराधी ही नहीं, बल्कि इस मामले में मध्यस्थ या प्रोत्साहन देने वाले तथा लाभार्थी को भी कार्रवाई का सामना करना होगा।'
यह टिप्पणी इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत व अन्य देशों में वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख संस्था एचएसबीसी पर लोगों का कालाधन रखने में मदद करने का आरोप लग रहा है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आम बजट में घोषणा की थी कि सरकार काले धन पर अंकुश के लिए नया कानून बनाएगी और इस बारे में विधेयक संसद के चालू सत्र में पेश किया जाएगा। इस कानून में काले धन के मामले में भारी जुर्माने के अलावा दस साल तक की सजा का प्रावधान होगा।
उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में दास ने कहा कि काला धन कानून एक वृहद कानून होगा, लेकिन साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसका मकसद भय पैदा करना नहीं है। दास ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि हमारे बैंक व वित्तीय संस्थान अपनी जिम्मेदारी बखूबी समझते हैं। लेकिन यदि यह पाया जाता है कि इन्होंने काला धन मामले में किसी तरह की मदद की है तो निश्चित रूप से कानून के प्रावधान उन पर भी लागू होंगे।'
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