राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो).
अहमदाबाद:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को एपीजे अब्दुल कलाम और नरेन्द्र मोदी के बीच तुलना करते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एक ‘अंतरिक्ष विज्ञानी’ थे, जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री एक ‘समाज विज्ञानी’ हैं.
कोविंद ने अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही. कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘कलाम सर सौभाग्य से मेरे पूर्वाधिकारी थे. हालांकि वह राष्ट्रपति बने, पर वह मूल रूप से एक वैज्ञानिक थे. इसी तरह से, मैं आमतौर पर उनका जिक्र एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर पर करता हूं जबकि मैं मोदी जी को एक समाज विज्ञानी कहा करता हूं.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी गुजरात विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र हैं, वहीं कलाम सर ने भी यहां कुछ वक्त बिताया था.’’ उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि दीक्षांत समारोह में मौजूद किसी छात्र ने चाय नहीं बेची होगी, जैसे कि मोदी जी ने बचपन में बेची थी. कोविंद ने कहा, ‘‘...यह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो यहां जन्मे और पले बढ़े, यहां पढ़ाई की और फिर प्रधानमंत्री बने. यह सचमुच में प्रेरणादायक है.’’
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उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसी चीजों को लाकर आज की पीढ़ी के लिए 21वीं सदी के दरवाजे खोले. कोविंद ने छात्रों से विकास के लिए सहयोग और भाईचारे की भावना ध्यान में रखने की भी अपील की.
(इनपुट भाषा से)
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कोविंद ने अहमदाबाद में गुजरात विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही. कोविंद ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘कलाम सर सौभाग्य से मेरे पूर्वाधिकारी थे. हालांकि वह राष्ट्रपति बने, पर वह मूल रूप से एक वैज्ञानिक थे. इसी तरह से, मैं आमतौर पर उनका जिक्र एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक के तौर पर करता हूं जबकि मैं मोदी जी को एक समाज विज्ञानी कहा करता हूं.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी गुजरात विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र हैं, वहीं कलाम सर ने भी यहां कुछ वक्त बिताया था.’’ उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि दीक्षांत समारोह में मौजूद किसी छात्र ने चाय नहीं बेची होगी, जैसे कि मोदी जी ने बचपन में बेची थी. कोविंद ने कहा, ‘‘...यह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो यहां जन्मे और पले बढ़े, यहां पढ़ाई की और फिर प्रधानमंत्री बने. यह सचमुच में प्रेरणादायक है.’’
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उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसी चीजों को लाकर आज की पीढ़ी के लिए 21वीं सदी के दरवाजे खोले. कोविंद ने छात्रों से विकास के लिए सहयोग और भाईचारे की भावना ध्यान में रखने की भी अपील की.
(इनपुट भाषा से)
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