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This Article is From Mar 09, 2013

सोमालियाई लुटेरों के चंगुल से छूटे भारतीय नाविक, संख्या पर असमंजस

चेन्नई/दिल्ली: जहाजरानी मंत्री जीके वासन ने शनिवार को कहा कि दो जहाजों पर बंधक बनाए गए सभी 28 भारतीय नाविकों को मुक्त करा लिया गया है और वे जल्द स्वदेश लौट आएंगे, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केवल एक जहाज से 17 नाविकों को छुड़ाया गया है।  

वासन ने चेन्नई में कहा, "कल (शुक्रवार को) दो जहाजों (एमवी रॉयल ग्रेस और एमटी स्माइरनी) से 28 भारतीयों को मुक्त करा लिया गया। वे जल्दी ही स्वदेश लौटेंगे और कुछ ही दिनों में वे अपने परिवार का हिस्सा बन जाएंगे।"

उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने नाविकों की सुरक्षित रिहाई के लिए बहुत होशियारी से काम लिया।

वासन ने कहा कि मई 2012 के बाद से कोई भारतीय जहाज और नाविक अब सोमालियाई लुटेरों के कब्जे में नहीं है।

वासन के अनुसार, सोमालियाई लुटेरों ने लगभग 260 भारतीय नाविकों को अगवा किया। भारत उनमें से 236 नाविकों को मुक्त कराने में सफल रहा।

उधर, नई दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने हालांकि कहा कि एमवी रॉयल ग्रेस पर सवार 17 भारतीय जिन्हें समुद्री लुटेरों ने मार्च 2012 में बंधक बना लिया था, वे मुक्त हो गए हैं।

सूत्रों ने बताया, "उम्मीद है कि जहाज और उसका चालक दल ओमान पहुंचेगा और हमारा दूतावास भारतीयों की सुरक्षित स्वदेश वापसी में सहयोग करेगा। एमवी रॉयल ग्रेस पर सवार हमारे नागरिकों की रिहाई से हम बेहद खुश हैं।"

उन्होंने कहा कि सरकार बंधक भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत रही है और इसके लिए इस मसले को विभिन्न अवसरों पर, विभिन्न देशों में उठाया जाता रहा है।

सूत्रों ने आगे कहा कि जहाज एमटी स्माइरनी पर सवार अन्य 11 भारतीय नाविकों सभी भारतीयों की रिहाई जब तक नहीं हो जाती, भारत सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि शेष बंधकों की रिहाई के बारे में सूचना जल्द ही साझा की जाएगी।

सूत्रों ने यह भी कहा कि जहाज एमवी आस्फाल्ट वेंचर पर सवार सात भारतीयों की रिहाई के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है।

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