केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने अभिनेता आमिर खान की टिप्पणी का मंगलवार को यह कहते हुए जोरदार खंडन किया कि तथ्यात्मक रिकॉर्ड उनके बयान के विपरीत है। आमिर ने कहा था कि देश में बढ़ रही असुरक्षा की भावना के मद्देनजर, उनकी पत्नी ने एक बार यहां तक सुझाव दे दिया कि उन्हें संभवत: देश छोड़ देना चाहिए।
रिजिजू ने कहा, 'रिकॉर्ड दर्शाता है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में सांप्रदायिक दंगों में कमी आई है। इस तरह का बेतुका बयान देना कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में असहिष्णुता बढ़ गई है, केवल देश की छवि को खराब करना है।'
उन्होंने कहा कि यह बेकार की बहस है। समाज में और भी कई मुद्दे हैं, जिसपर सभी को साथ आना चाहिए और उसका समाधान करना चाहिए।
इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा आयोजित रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह के दौरान आमिर खान ने कहा कि देश में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। घर में जब वह अपनी पत्नी से बात करते हैं, तो वह कहती है कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए। उनकी पत्नी का यह बयान आश्चर्यजनक व बेचैन करने वाला है। अभिनेता ने पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियों का समर्थन किया और कहा कि पुरस्कार लौटाना रचनात्मक लोगों द्वारा अपना असंतोष जाहिर करने का एक तरीका है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, 'कुछ छिटपुट अतिवादी उदाहरण भारत की मूल प्रकृति के लिए अपवाद है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि इन छिटपुट उदाहरणों को उस मानक के तौर पर स्वीकार करने दिया जाए, जो भारत को पारिभाषित करता है। हमारा संविधान अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है और आमिर खान जैसा कोई भी नागरिक अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है और जो असहमत है वह भी इस स्वतंत्रता का आनंद ले सकता है।'
कोहली ने कहा, 'वस्तुत: सबसे बड़ी बात यह है कि यह देश असंतोष की अभिव्यक्ति सहित मुक्त बहस का साक्षी रहा है, जो सहिष्णु समाज का सबूत है। क्या इस तरह का वाकया पड़ोसी मुल्क में हो सकता है?'
रिजिजू ने कहा, 'रिकॉर्ड दर्शाता है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में सांप्रदायिक दंगों में कमी आई है। इस तरह का बेतुका बयान देना कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में असहिष्णुता बढ़ गई है, केवल देश की छवि को खराब करना है।'
उन्होंने कहा कि यह बेकार की बहस है। समाज में और भी कई मुद्दे हैं, जिसपर सभी को साथ आना चाहिए और उसका समाधान करना चाहिए।
इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा आयोजित रामनाथ गोयनका पुरस्कार समारोह के दौरान आमिर खान ने कहा कि देश में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। घर में जब वह अपनी पत्नी से बात करते हैं, तो वह कहती है कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए। उनकी पत्नी का यह बयान आश्चर्यजनक व बेचैन करने वाला है। अभिनेता ने पुरस्कार लौटाने वाली हस्तियों का समर्थन किया और कहा कि पुरस्कार लौटाना रचनात्मक लोगों द्वारा अपना असंतोष जाहिर करने का एक तरीका है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, 'कुछ छिटपुट अतिवादी उदाहरण भारत की मूल प्रकृति के लिए अपवाद है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा कि इन छिटपुट उदाहरणों को उस मानक के तौर पर स्वीकार करने दिया जाए, जो भारत को पारिभाषित करता है। हमारा संविधान अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है और आमिर खान जैसा कोई भी नागरिक अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है और जो असहमत है वह भी इस स्वतंत्रता का आनंद ले सकता है।'
कोहली ने कहा, 'वस्तुत: सबसे बड़ी बात यह है कि यह देश असंतोष की अभिव्यक्ति सहित मुक्त बहस का साक्षी रहा है, जो सहिष्णु समाज का सबूत है। क्या इस तरह का वाकया पड़ोसी मुल्क में हो सकता है?'
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