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This Article is From May 30, 2016

लंदन में रॉबर्ट वाड्रा का बेनामी घर, सरकार की नई रिपोर्ट में खुलासा

लंदन में रॉबर्ट वाड्रा का बेनामी घर, सरकार की नई रिपोर्ट में खुलासा
रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: 2009 में हथियारों के एक विवादित सौदेबाज द्वारा लंदन में रॉबर्ट वाड्रा को बेनामी घर खरीद कर देने के मामले की सरकार ने जांच शुरू कर दी है। रॉबर्ट वाड्रा के वकीलों ने इन आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीय सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस के विरोधियों द्वारा रॉबर्ट वाड्रा को सुव्‍यवस्थित ढंग से निशाना बनाया जा रहा है।"

जांच एजेंसियों की दो रिपोर्टों के आधार पर सरकारी जांच आधारित है। ये रिपोर्ट कथित रूप से रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा द्वारा भेजी गई ई-मेल पर आधारित है। एनडीटीवी के पास वे रिपोर्ट्स उपलब्‍ध हैं लेकिन उनकी ई-मेलों की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकता। उन रिपोर्टों में हथियारों के विवादित सौदेबाज संजय भंडारी से की गई पूछताछ का भी पूरा ब्‍यौरा है।

पिछले महीने एनफोर्समेंट एजेंसियों ने भंडारी के 18 ठिकानों पर छापा मारा था। कर अधिकारियों और एनफोर्समेंट विभाग द्वारा इन छापों के बाद दो जांच रिपोर्ट तैयार की गईं।  एनडीटीवी को मिली इन रिपोर्टों के अनुसार, कथित तौर पर रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने कई ईमेल भेजे जिसमें लेन-देन और लंदन के घर के रेनोवेशन से जुड़ी बातें हैं। 12 एल्लर्टन हाउस, ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित इस घर को 19 लाख पाउंड यानी करीब 19 करोड़ रुपये में खरीदा गया। ऐसा आरोप है, यह सौदा अक्टूबर 2009 में हुआ और जून 2010 में इसे बेच दिया गया।

जब रॉबर्ट वाड्रा से इस संबंध में चार दिन पहले सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उनके वकील ने एनडीटीवी के ईमेल के जरिए सोमवार को जवाब भेजा है। वाड्रा के वकील ने कहा है कि वाड्रा किसी भी प्रकार प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उल्लेख की गई संपत्ति 12, एल्लरटन हाउस, ब्रायनस्टन स्क्वायर, लंदन से जुड़े हुए नहीं है। यह भी कहा है कि वाड्रा और उनके सहयोगी संजय भंडारी से किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन से जुड़े नहीं है। वे यह भी नहीं जानते हैं कि संजय भंडारी किसी भी प्रकार की रक्षा डील से जुड़े हैं।

NDTV द्वारा देखी गईं दो अलग-अलग प्राथमिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉबर्ट वाड्रा और उनके असिस्टेंट मनोज अरोड़ा के ईमेल भंडारी के लंदन के एक रिश्तेदार सुमित चड्ढा को भेजे गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 'एक ई-मेल की तारीख 4.04.2010 है, जिसमें सुमित चड्ढा रिनोवेशन और रिपेयर के काम की प्रोग्रेस के बारे में रॉबर्ट वाड्रा को बता रहे हैं। साथ ही वह खर्चों की अदायगी के बारे में भी पूछ रहे हैं।'
 

रिपोर्ट में इन मेल्स पर चड्ढा को दिया गया वाड्रा का जवाब भी दर्ज है, जिसमें कहा गया है- वह इस मामले को देखेंगे। वह यह भी कह रहे हैं कि उनका 'सेक्रेट्री' मनोज इस मामले पर 'संपर्क में' रहेगा। इसके बाद रिपोर्ट कह रही है कि- इसी के मुताबिक मनोज सुमित चड्ढा से 'Exim Real Estate' नामक ई-मेल आईडी के जरिए संपर्क में रहे।

इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर NDTV को बताया कि ई-मेल में संपत्ति के रिडेकोरेशन तक की बात का जिक्र है।

बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एनडीटीवी से कहा कि यह चौंकाने वाला तो है, लेकिन इसमें आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं है। मैं ईडी, आयकर विभाग से आग्रह करूंगा कि वह कथित संपत्ति और पूरे में मामले में वित्तीय अनियमित्ता या अपारदर्शिता की जांच करें।

बता दें कि भंडारी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशंस (ओआईएस) कंपनी के मालिक हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट ने 2014 में उनसे संबंधित डील पर सवाल उठाए और रक्षा मंत्रालय को भंडारी से दूरी बनाए रखने की सलाह दी।

रिपोर्ट के अनुसार, संजय भंडारी से साफ पूछा गया है कि ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति की खरीद बिक्री से रॉबर्ट वाड्रा का क्या लेना-देना है? इस बात पर उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि लंदन में उनके वकील के पास सेल डीड से जुड़े कागजात हैं।

जांचकर्ताओं का कहना है, भंडारी ने रेड के दौरान ब्लैकबेरी फोन को नष्ट करने की कोशिश भी की। हालांकि वे लोग उनके फोन और कंप्यूटर्स से डाटा रिकवर करने में सफल रहे। भंडारी के जनसंपर्क कार्यालय ने NDTV से विस्तृत प्रश्नावली भेजने के लिए कहा, जो उन्हें भेजा भी गया, लेकिन उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले पर कमेंट करने का लिखित निवेदन करने के बावजूद वाड्रा के असिस्टेंट अरोड़ा ने यह खबर छापे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया है।

मात्र एक लाख रुपए की प्रदत्त पूंजी (पेड-अप कैपिटल) के साथ भंडारी ने 2008 में OIS बनाई थी। इसका बहुत तेजी से कई करोड़ का वेंचर बन जाने से वित्तीय अपराध जांचकर्ताओं का ध्यान इसकी ओर खिंचा था। उनकी अब 35 संदिग्ध शेल कंपनियों से जुड़े वित्तीय मामलों से संबंधित उल्लंघनों में जांच की जा रही है जोकि 2009 से 2014 के बीच के हैं। हाल ही में, OIS ने 38 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट के पार्ट्स की सप्लाई की एक डील हासिल की है। ये पार्ट्स भारत डेजॉल्ट एविएशन से खरीद रहा है।

बता दें कि हरियाणा में कुछ जमीन सौदों को लेकर वाड्रा की कंपनी की जांच चल रही है। आरोप है कि वाड्रा को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए। वाड्रा ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।  
पढ़ें एनडीटीवी को वाड्रा के वकील द्वारा भेजे गए संदेश का हिंदी में अनुवाद -

हमारे क्‍लाइंट्स ने आपके द्वारा उन्‍हें भेजी गई ई-मेल की कॉपी मुझे दी है और निम्‍नांकित बातों को आपके समक्ष रखने का निर्देश दिया है :

1. हमारे मुवक्किल बताना चाहते हैं कि मिस्‍टर रॉबर्ट वाड्रा का आपके द्वारा बताए गए मकान नंबर 12, एलर्टन रोड, ब्रायनस्‍टन स्‍क्‍वायर, लंदन पर  प्रत्‍यक्ष या परोक्ष रूप से कोई मालिकाना हक नहीं है। हमारे मुवक्किलों को अफसोस है कि आपकी कदम गलत और गलत तथ्यों पर आधारित है।
   
2. हमारे मुवक्किलों का संजय भंडारी के साथ कोई कारोबारी नाता नहीं है। हमारे मुवक्किल संजय भंडारी के साथ कभी किसी वित्‍तीय लेन-देन में शामिल नहीं हुए और उन्हें इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि संजय भंडारी किसी भी प्रकार के रक्षा संबंधी लेन-देन में शामिल हैं या थे।

3. हमारे मुवक्किलों को इससे गहरी पीड़ा पहुंची है कि एक जिम्‍मेदार टीवी चैनल इस तरह की गलत और भ्रामक जानकारी फैला रहा है जिससे कि हमारे मुवक्किल को दिक्कत होने की आशंका है। हमारे मुवक्किल उम्‍मीद करते हैं कि आपकी ओर से आगे बेहतर समझ दिखाई जाएगी।
                 
4. हमारे मुवक्किलों को कोई भी कथित ई-मेल नहीं दिखाई गई है। लिहाजा उन पर कोई टिप्‍पणी नहीं की जा सकती है। ऐसी स्थिति में जैसा कि हमने ऊपर बताया है, हमारे मुवक्किलों की स्थिति भी स्‍पष्‍ट हो जाती है। 

5. यदि हमारे मुवक्किलों के इस पर्याप्‍त स्‍पष्‍टीकरण के बावजूद हमारी चिंताओं की तरफ यदि ध्‍यान नहीं दिया गया तो वे कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्‍य हो जाएंगे। इसके साथ ही हमारे मुवक्किल यह भी कहना चाहते हैं कि वे प्रेस का सम्‍मान करते हैं इसलिए यह उनके लिए अंतिम विकल्‍प ही होगा।

6. हमारे मुवक्किल ऐसे किसी भी व्‍यक्ति के खिलाफ कार्यवाही के लिए स्‍वतंत्र हैं, जो  इस समाचार के प्रकाशन या टेलीकास्‍ट से सीधे या परोक्ष रूप से जुड़ा हुआ है या इसके लिए जिम्‍मेदार है। 

7. हमारे मुवक्किल भारतीय कानून का पालन करने वाले हैं और वे सभी व्यापार कानून के दायरे में ही करते हैं। उनके सभी व्यापार कानून के अनुसार हैं।

8.इस पत्र को हमारे मुवक्किलों ने किसी भी प्रकार के अधिकारों और दलीलों संबंधी पूर्वाग्रह के बिना भेजा है। इसमें उल्लेखित किसी भी बात से हमारे मुवक्किल द्वारा किसी भी तथ्य को मान लेने या उनके अधिकारों के छूट मिल जाने के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
भवदीय
सुमन खेतान एवं को.
(सुमन ज्‍योति)



पढ़ें : रॉबर्ट वाड्रा के वकील द्वारा एनडीटीवी को भेजा गया जवाब... अंग्रेजी में...

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