विज्ञापन
This Article is From Jan 24, 2017

7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों का विरोध बेअसर | अब नेताओं ने राजनाथ को लिखी चिट्ठी

7वां वेतन आयोग : केंद्रीय कर्मचारियों का विरोध बेअसर | अब नेताओं ने राजनाथ को लिखी चिट्ठी
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारियों में रोष है...
नई दिल्ली: 1 जनवरी 2016 से नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा दिया था. इसी के साथ कर्मचारियों ने कुछ मुद्दों को लेकर अपना विरोध जताया था. कर्मचारियों ने देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया और सरकार पर दबाव काम आया. सरकार की ओर से तीन मंत्री बातचीत के लिए आगे और कर्मचारियों नेताओं की मांग पर समितियों के गठन का ऐलान किया गया. इन समितियों को चार माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी थी, लेकिन अब छह माह बीत चुके हैं और समितियों में अभी भी बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.

अब छह महीनों में कुछ हाथ नहीं लगने के कारण एनसीजेसीएम के संयोजक और रेलवे कर्मचारी संघ के नेता शिवगोपाल मिश्रा ने एनडीटीवी को बताया कि उन्होंने अब फिर गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर समय देने का अनुरोध किया है. अपनी चिट्ठी में मिश्रा ने कहा कि हम लगातार समितियों के साथ बैठक कुछ सार्थक चर्चा की उम्मीद करते रहे, लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हुआ. हाल में हुई हम कर्मचारी नेताओं की बैठक का निष्कर्ष निकला है कि आपके (राजनाथ सिंह) साथ बैठक कर इस मामले में कोई प्रगति हो सकती है.

इस चिट्ठी में कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा कि सातवें वेतन आयोग को लेकर पूरे देश में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों में काफी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि सरकार को कर्मचारियों की एक भी मांग उचित नहीं लगी. उन्होंने कहा कि यहां तक कि मामले में पेंशनर्स के फायदे की सातवें वेतन आयोग द्वारा की गई केवल एक अनुसंशा को भी पेंशन विभाग ने खारिज कर दिया है.
नतीजा यह है कि कई नाराज़ कर्मचारी संघों के नेताओं ने 15 फरवरी को एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. इन नेताओं का कहना है कि वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार के तीन मंत्रियों द्वारा दिए गए आश्वासन के संबंध में धोखा मिलने के बाद इस राह पर चलने को मजबूर हैं. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल 33 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 34 लाख पेंशनरों के आत्मसम्मान के लिए रखी गई है.

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली और रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फॉर्मूला में बढ़ोतरी के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने पहले अपनी हड़ताल टाली थी.

कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि सरकार ने जो अधिकार प्रदत्त समितियां बनाई हैं वह किसी काम की साबित नहीं हुई है. अहम मुद्दों पर बातचीत होने के बाद भी सरकार की ओर शामिल अधिकारी कोई बात करने को लेकर उत्साहित नहीं रहे और किसी प्रकार का कोई आश्वासन लिखित या मौखिक नहीं दिया गया.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सातवां वेतन आयोग, 7वां वेतन आयोग, राजनाथ सिंह, कर्मचारी संघ, शिवगोपाल मिश्र, Seventh Pay Commission, 7th Pay Commission, Rajnath Singh, Central Employees, Shivgopal Mishra, केंद्रीय कर्मचारी
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com