झारखंड के हजारीबाग जिले में रामनवमी जुलूस में तलवारबाजी और लाठीबाजी के खेल के दौरान करीब 700 लोग जख्मी हो गए. अधिकारियों ने शनिवार को ये जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार रात लगभग आठ बजे शुरू हुआ रामनवमी उत्सव शनिवार रात आठ बजे संपन्न हो गया. भारी बारिश के बावजूद बड़ा ठाकुर बाड़ी इलाके के बोड्डोम बाजार में सदियों पुराने समारोह में 91 अखाड़ों ने हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि अच्छी तरह से सजाई गई झांकियों के साथ समारोह में शहर के दो लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. अधिकारियों ने बताया कि समारोह के दौरान किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं हुई और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे.
उन्होंने बताया कि हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एचएमसीएच) ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 15 चिकित्सा शिविर लगाए थे. एचएमसीएच के एक अधिकारी ने बताया कि पारंपरिक हथियारों के खेल के दौरान करीब 700 लोगों को चोटें आई हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर का शिविर में इलाज किया गया जबकि कई को विभिन्न अस्पतालों में भी भेजा गया.
एक अधिकारी ने कहा कि जमशेदपुर में तेज संगीत पर प्रतिबंध को लेकर तनाव के कारण रामनवमी की रैलियां नहीं निकाल सके 27 अखाड़ा समितियों ने विभिन्न घाटों पर शांतिपूर्ण तरीके से अपने झंडे विसर्जित किए.
उन्होंने बताया कि जमशेदपुर से लगभग 25 किलोमीटर दूर हल्दीपोखर में कुछ संगठनों ने सुबह से शाम तक का बंद आहूत किया और यह भी शांतिपूर्वक संपन्न हो गया.
बंद का आह्वान पोटका के क्षेत्राधिकारी को निलंबित करने और रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर किया गया था, जिसमें कम से कम पांच लोग घायल हो गए थे.
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