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This Article is From Aug 22, 2017

'प्यार के मेले' में चले पत्थर, 58 लोग घायल; पुलिस पर भी पथराव

छिंदवाड़ा जिले में मोहब्बत के लिए जान देने वाले प्रेमी जोड़े की याद में हर साल गोटमार मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें दो गांव के लोग आपस में पत्थरबाजी करते हैं.

'प्यार के मेले' में चले पत्थर, 58 लोग घायल; पुलिस पर भी पथराव
परंपरा के अनुसार, सूर्योदय से सूर्यास्त तक लोग पत्थर मारकर एक-दूसरे का खून बहाते हैं
भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में मोहब्बत के लिए जान देने वाले प्रेमी जोड़े की याद में मंगलवार को हुए गोटमार मेले में 58 लोग घायल हो गए. घायलों को इलाज के लिये अस्पताल ले जाना पड़ा. छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा कस्बे में पोला त्योहार के दूसरे दिन जाम नदी के किनारे मेला लगता है. इस मेले को गोटमार मेला कहा जाता है. जिले में निषेधाज्ञा के बावजूद बड़ी तादाद में लोगों ने गोटमार मेले में हिस्सा लिया.

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पांढुर्णा में मंगलवार सुबह 5 बजे जाम नदी के बीच सावरगांव ने झंड़ा गाढ़ दिया गया. इसके बाद पांढुर्णा के लोगों ने परंपरागत रूप से इसकी पूजा-अर्चना कर निशान चढ़ाया गया. इसके बाद दोनों पक्षों ने एकदूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिए. इस दौरान मौके पर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. मेले में घायल हुए लोगों को अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां सुविधाओं में कमी की शिकायत करते हुए लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव भी किया. 
प्रशासन की सख्ती की वजह से भी लोग नाराज थे.

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पुरानी मान्यता के अनुसार, सावरगांव का एक लड़का पांढुर्णा की लड़की से प्यार करता था और वह लड़की को भगा कर ले जाता है. इसी पर दोनों गांव के लोगों के बीच जमकर पत्थर चलते हैं और इसमें प्रेमी युगल की नदी के बीच में ही मौत हो जाती है.
gotmar mela
इन्हीं दोनों की याद में हर साल गोटमार मेला आयोजित किया जाता है. इस दौरान हर साल कई लोग घायल होते हैं, पहले इसमें कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है.

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