वर्तमान लोकसभा के करीब तीन चौथाई सदस्यों ने लोकसभा सचिवालय में अपनी सम्पत्ति और देनदारी का ब्यौरा अभी तक जमा नहीं किया है। इन सदस्यों में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, उमा भारती, नितिन गडकरी और सपा के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव शामिल हैं।
नियम के अनुसार, सदन की सदस्यता की शपथ लेने के 90 दिनों के भीतर ऐसा किया जाना जरूरी है।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत लोकसभा सचिवालय ने बताया कि वर्तमान लोकसभा के 401 सदस्यों की सम्पत्ति और देनदारी के ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है। इसे लोकसभा सदस्य (सम्पत्ति और देनदारी की घोषणा) नियम 2004 के तहत सदस्यों को सदन की सदस्यता की शपथ लेने के 90 दिनों के भीतर पेश करना होता है।
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 90 दिनों के भीतर अपनी सम्पत्ति और देनदारी का ब्यौरा नहीं जमा करने वालों में भाजपा के 209 सदस्य, कांग्रेस के 31, तृणमूल कांग्रेस के 27, बीजू जनता दल के 18, शिवसेना के 15, तेलगू देशम पार्टी के 14, अन्नाद्रमुक के नौ और तेलंगाना राष्ट्र समिति के आठ सदस्य शामिल हैं।
इस सूची में वाईएसआर कांग्रेस के सात, लोक जनशक्ति पार्टी के छह, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, प्रत्येक के चार-चार, अकाली दल, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी प्रत्येक के तीन तीन, जदयू और अपना दल प्रत्येक के दो-दो सदस्यों के नाम हैं।
लोकसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सदन की सदस्यता की शपथ लेने के 90 दिनों के भीतर अपनी सम्पत्ति और देनदारी का ब्यौरा नहीं जमा करने वालों में डॉ. हर्षवर्धन, राधा मोहन सिंह, अनंत गीते, अनंत कुमार, रामविलास पासवास, कैप्टन अमरिंदर सिंह, वीरप्पा मोइली, महबूबा मुफ्ती, उपेन्द्र कुशवाहा, किरण रिजिजु और सुप्रिया सुले शामिल हैं।
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