विज्ञापन

माओवादियों का मोहभंग, एक दिन में 37 नक्सलियों का सरेंडर, 30 साल से अंडरग्राउंड लीडर भी शामिल

सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन स्टेट कमेटी स्तर के वरिष्ठ नेता भी हैं, जिन पर कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था. हाल के वर्षों में एक दिन में सरेंडर करने वाले नक्सलियों की यह सबसे बड़ी संख्या है.

माओवादियों का मोहभंग, एक दिन में 37 नक्सलियों का सरेंडर, 30 साल से अंडरग्राउंड लीडर भी शामिल
  • प्रतिबंधित CPI (माओवादी) संगठन के 37 अंडरग्राउंड कैडर हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए हैं
  • सरेंडर करने वालों में 3 स्टेट कमेटी स्तर के वरिष्ठ नेता भी हैं. 25 महिलाओं ने भी आत्मसमर्पण किया है
  • नक्सलियों ने AK47 समेत 8 राइफलें और 343 जिंदा कारतूस भी तेलंगाना पुलिस को सौंपे हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

नक्सल विरोधी अभियान में तेलंगाना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन के 37 अंडरग्राउंड कैडर ने शनिवार को हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है, जिनमें 25 महिलाएं हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में तीन स्टेट कमेटी स्तर के वरिष्ठ नेता भी हैं, जिन पर कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था. हाल के वर्षों में एक दिन के अंदर सरेंडर करने वाले नक्सलियों की यह सबसे बड़ी संख्या है.

कोई 31 साल तो कोई 32 साल से अंडरग्राउंड

आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नेताओं में कोय्याडा सम्बैया उर्फ आज़ाद , तेलंगाना स्टेट कमेटी के अप्पाला नारायण उर्फ रमेश और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के मुचाकी सोमाडा उर्फ एर्रा शामिल हैं. 49 वर्षीय आजाद ने 31 साल अंडरग्राउंड रहकर गुजारे हैं, वहीं 70 साल के अप्पाला नारायण ने अपनी जिंदगी के 32 साल इस आंदोलन को समर्पित कर दिए थे. सरेंडर करने पर इन्हें 20-20 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट दिया गया है. 

Latest and Breaking News on NDTV

सरेंडर करने वाले बाकी कैडर में तीन डिवीजनल कमेटी मेंबर, नौ एरिया कमेटी मेंबर और 22 मिलिशिया मेंबर हैं. ये सभी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा इलाके के रहने वाले हैं और लंबे समय से तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय थे.

AK-47 समेत कई हथियार पुलिस को सौंपे

तेलंगाना के डीजीपी डॉ. जितेंद्र की मौजूदगी में हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में इन सभी ने औपचारिक रूप से सरेंडर किया. इस दौरान उन्होंने आठ हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी पुलिस को सौंपे. इन हथियारों में एक एके-47 राइफल, दो एसएलआर, चार .303 राइफल और एक जी-3 राइफल के अलावा अलग-अलग कैलिबर के 343 जिंदा कारतूस शामिल थे.

Latest and Breaking News on NDTV

इस साल 70 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में लौटे

पुलिस महानिदेशक ने इसे माओवादी संगठन को लगे अब तक के सबसे बड़े झटकों में से एक बताया. खासतौर पर खम्मम-मुलुगु डिवीजन के सात कैडर का एक साथ सरेंडर करना संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला साबित होगा, ऐसा उनका कहना था. उन्होंने कहा कि लगातार सुरक्षा बलों के दबाव, बेहतर खुफिया जानकारी और सरकार की आकर्षक सरेंडर नीति की वजह से नक्सली अब हताश होकर मुख्य धारा में लौट रहे हैं. 

आत्मसमर्पण करने वाले सभी कैडर को तेलंगाना सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत आर्थिक सहायता, सुरक्षा और रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे. इस साल तेलंगाना पुलिस अब तक 70 से अधिक नक्सलियों को मुख्य धारा में ला चुकी है और आज का समर्पण इस दिशा में सबसे बड़ी उपलब्धि है.

सरेंडर करने वालों में 25 महिलाएं

सरेंडर करने वाले 37 नक्सलियों में 25 महिलाएं हैं. इनमें से कई तो 20 साल से कम उम्र की लड़कियां हैं. इन्होंने हथियार डालने के पीछे माओवादी विचारधारा से मोहभंग, शारीरिक थकान और जंगल के कठिन जीवन की परेशानी को मुख्य कारण बताया. साथ ही कहा कि सरकार की कल्याणकारी और पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठाने की इच्छा ने भी उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com