दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कोई कमी नहीं आई है। इस साल के शुरुआती दो महीने के अंदर राष्ट्रीय राजधानी में बलात्कार के करीब 300 मामले और छेड़छाड़ के 500 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए।
पुलिस संख्या में बढ़ोतरी को अच्छा संकेत मानती है। उसका कहना है कि महिलाएं अब सामने आने और घटना के बारे में रिपोर्ट करने में पहले के मुकाबले अधिक सहज महसूस कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा, '16 दिसंबर, 2012 की घटना के बाद समाज इस दिशा में सोचने को विवश हुआ और कदम उठाए गए। कानून बदलने और पुलिस को संवेदनशील बनाने से महिलाओं में नया आत्मविश्वास आया। इस कारण साल 2013 में महिला विरोधी अपराधों के मामलों में 300 से 400 फीसदी उछाल दर्ज किया गया। यह चलन साल 2014 में भी जारी रहा।'
उन्होंने कहा, 'अब, अगर 2015 में भी बढ़े आंकड़े देखते हैं तो हम पाते हैं कि वे लगभग बराबर, यहां तक कि कम हुए हैं। मैं यह कह सकता हूं कि यह अच्छी चीज है कि जब कभी महिला विरोधी अपराध होता है तो यह छिपता नहीं है।'
दिल्ली पुलिस के डाटा के अनुसार साल 2015 के पहले दो महीनों में बलात्कार को लेकर करीब 300 प्राथमिकी दर्ज की गईं। भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 509 (छेड़छाड़ एवं महिला का शीलभंग करना) के तहत 500 से अधिक मामले दर्ज किए गए। इससे पहले साल, 2014 में बलात्कार के 2,069 मामले, जबकि 2013 में बलात्कार के 1,571 मामले दर्ज किए गए थे।
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