नई दिल्ली: मदुरै अधीनम के मुख्य पुजारी हरिहर देसिका स्वामीगल ने रविवार को तमिल अधीननों को आमंत्रित करने और संसद में तमिल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए PM नरेंद्र मोदी की सराहना की. इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा कक्ष में 'सेंगोल' स्थापित कर नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया. हरिहर देसिका स्वामीगल ने पीएम मोदी को 'सेंगोल' भेंट किया.
मदुरै अधीनम के 293वें प्रधान पुजारी हरिहर देसिका स्वामीगल ने ANI से बात करते हुए कहा, "मुझे नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. पीएम मोदी हमेशा तमिल संस्कृति और तमिल लोगों के साथ गर्व से खड़े रहे हैं. मोदी जी पहले पीएम हैं जिन्होंने तमिल अधीम को आमंत्रित किया और गर्व से संसद में तमिल संस्कृति को प्रोत्साहित किया."
पूजा करने के बाद, पीएम मोदी ने नए संसद भवन में स्पीकर की कुर्सी के ठीक बगल में, लोकसभा कक्ष में पवित्र 'सेंगोल' स्थापित किया. वुम्मिदी बंगारू ज्वेलर्स के अध्यक्ष वुम्मिदी सुधाकर ने 'सेंगोल' की स्थापना को एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि इसे उनके परिवार ने लगभग 75 साल पहले बनाया था.
पीएम मोदी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेंगोल को अपनाने का फैसला लिया. यह वही सेंगोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की रात अपने आवास पर कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था.
नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर समारोह की शुरुआत वैदिक रीति से पारंपरिक 'पूजा' से हुई, जो एक घंटे तक चली. पूजा के दौरान पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे.
नए संसद भवन से 888 सदस्य लोकसभा में बैठ सकेंगे. संसद के वर्तमान भवन में लोक सभा में 543 और राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने का प्रावधान है. भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 384 सदस्यों की बैठक कराने की व्यवस्था की गई है. दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा.
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