तीर्थयात्रियों का आखिरी जत्था 5 अगस्त को रवाना होगा. (फाइल फोटो)
जम्मू:
कश्मीर घाटी के लिए शुक्रवार को 132 अमरनाथ तीर्थयात्रियों का नया जत्था जम्मू से रवाना हुआ. तीर्थयात्रियों का जत्था तड़के 2.55 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच 5 वाहनों के काफिले में रवाना हुआ. पुलिस महानिरीक्षक (आईडीपी) एस.डी सिंह जामवाल ने कहा कि जम्मू से कश्मीर घाटी के लिए तीर्थयात्रियों का आखिरी जत्था 5 अगस्त को रवाना होगा. इसके बाद 7 अगस्त को समाप्त हो रही वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तहत किसी भी यात्री को घाटी की ओर जाने की अनुमति नहीं होगी.
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7 अगस्त को खत्म होगी यात्रा
40 दिनों की यह वार्षिक यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी और यह 7 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर समाप्त होगी. इसी दिन रक्षाबंधन भी है. अमरनाथ यात्रियों के लिए बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गो पर हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं. अब तक करीब 2,57,589 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं.
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अब तक 48 श्रद्धालुओं की मौत
तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग या 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. इस साल इस यात्रा के दौरान 48 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इनमें से आठ की मौत आतंकवादी हमले में और 17 की सड़क दुर्घटना में हुई, जबकि 23 श्रद्धालुओं की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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7 अगस्त को खत्म होगी यात्रा
40 दिनों की यह वार्षिक यात्रा 29 जून से शुरू हुई थी और यह 7 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर समाप्त होगी. इसी दिन रक्षाबंधन भी है. अमरनाथ यात्रियों के लिए बालटाल और पहलगाम दोनो मार्गो पर हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं. अब तक करीब 2,57,589 लाख श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा कर चुके हैं.
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अब तक 48 श्रद्धालुओं की मौत
तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग या 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. इस साल इस यात्रा के दौरान 48 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. इनमें से आठ की मौत आतंकवादी हमले में और 17 की सड़क दुर्घटना में हुई, जबकि 23 श्रद्धालुओं की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई.
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