आतंकी गतिविधियों के आरोप में भारत में वांछित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक (Zakir Naik) पर मलेशिया में भाषण देने पर रोक लगा दी गई है. मलेशियाई अधिकारियों ने सोमवार को जाकिर नाइक को हिंदुओं एवं चीनियों के खिलाफ कथित नस्ली टिप्पणी करने के मामले में दूसरी बार तलब किया था. इससे कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित भारतीय इस्लामी धर्म उपदेशक को कहा था कि उसे देश में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है.
न्यूज एजेंसी ने पुलिस कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन के हेड दातुक असमावती अहमद के हवाले से लिखा है, 'हां, ऐसा आदेश सभी पुलिस थानों को दिया गया है, और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और नस्लीय सौहार्द बनाए रखने के लिए किया गया है.'
बता दें, आधिकारिक बरनामा संवाद समिति ने सोमवार को खबर दी थी कि नाइक (Zakir Naik) को रॉयल मलेशिया पुलिस मुख्यालय, बुकित अमन में उसका बयान दर्ज कराने के लिए दूसरी बार बुलाया गया है. भारतीय अधिकारी कथित धनशोधन और घृणा भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के मामलों में 2016 से नाइक की तलाश कर रहे हैं.
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सीआईडी के निदेशक हुजीर मोहम्मद ने बताया कि जाकिर दंड संहिता की धारा 504 के तहत अपना बयान देने के लिए बुकित अमन आने वाला है. यह धारा शांति भंग करने के लिए उकसाने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी हुई है. खबर में बताया गया कि 53 वर्षीय उपदेशक ने पहली बार 16 अगस्त को अपना बयान दर्ज कराया था. वह मुस्लिम बहुल मलेशिया का स्थायी निवासी है.
नाइक पर मलेशियाई हिंदुओं एवं मलेशियाई चीनियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है जिसके बाद से उसे भारत वापस भेजे जाने की आवाजें उठने लगी हैं.
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