नेशनल कान्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला (Omar abdullah) ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर दिए गए बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद पर निशाना साधा है. उमर ने उन्हें याद दिलाया कि भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र है और उनसे सुप्रीम कोर्ट के जजों के बारे में अलग धारणा न रखने की नसीहत भी दी.
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उमर ने ट्वीट कर कहा, रविशंकर प्रसाद जी, हम आपसे किसी भी चीज की बहाली की उम्मीद नहीं करते हैं, लेकिन आपने ऐसा जताने की कोशिश कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अपनी आजादी का समर्पण कर दिया है और वे आपने दिशानिर्देश लेते हैं. कृपया सम्मानित जज क्या फैसला लेने वाले हैं, उस चीज को जानने का पूर्वानुमान न लगाएं. रविशंकर प्रसाद ने शनिवार को कहा, "क्षेत्र में अनुच्छेद 370 की बहाली नहीं होगी, जैसा कि महबूबा मुफ्ती ने मांग की है, साथ ही राष्ट्रीय ध्वज को लेकर उनका बयान घोर निंदा के योग्य है. " प्रसाद ने कहा कि अगस्त 2019 में अनुच्चेद 370 हटाने के बाद उचित संवैधानिक प्रक्रिया के तहत राजनीतिक नेताओं की लंबी हिरासत खत्म कर दी गई और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए क्षेत्र से भारी सुरक्षा बंदोबस्त हटा लिए गए.
Dear Ravi Shankar Prasad ji, we don't expect you to restore anything but unless you are suggesting the Supreme Court has surrendered its independence & takes dictation from you please don't presume to know what the Hon judges will decide. https://t.co/s8rD3Us6JU
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 25, 2020
महबूबा मुफ्ती ने रिहाई के बाद अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि वह जम्मू-कश्मीर का झंडा, संविधान और उसका दर्जा बहाल होने तक राष्ट्रीय ध्वज नहीं उठाएंगी. उन्होंने केंद्र सरकार पर संवैधानिक अधिकारों को छीनने का आऱोप लगाया. मुफ्ती ने कहा था कि उनकी पार्टी संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं छोड़ेगी. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने महबूबा मुफ्ती के बयान की निंदा की थी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को लेकर कई याचिकाएं विचाराधीन हैं. जो जम्मू-कश्मीर के कई राजनीतिक दलों की ओऱ से दायर की गई हैं. केंद्र ने अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ जम्मू-कश्मीर औऱ लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित प्रदेश बनाए थे.
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