योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सियासत के मैदान में उतरने की ख्वाहिश रखने वाले लोगों के लिये अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद जिले में देश का अपनी तरह का पहला केन्द्र खोलने का फैसला किया है, जिसमें प्रशिक्षुओं को राजनीति की बारीकियों के बारे में बाकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिपरिषद ने गाजियाबाद में एक राजनीति प्रशिक्षण केन्द्र बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दे दिया है. कुल 198 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 60 बीघा क्षेत्र में बनने वाले इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिये पहले चरण में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिये पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. इसके लिये एक समिति गठित की गयी है. इस केन्द्र में उन लोगों को ‘ए टू जेड’ प्रशिक्षण दिया जाएगा जो राजनीति के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी इसमें प्रशिक्षण ले सकेंगे. इसके पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सियासत से जुड़े कानूनी पहलुओं, व्यवहार तथा अन्य चीजों के बारे में बताया जाएगा। इस केन्द्र का संचालन अगले दो-तीन साल में शुरू हो जाएगा.
खन्ना ने बताया कि इस प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन नगर विकास विभाग करेगा. इसमें विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, राजदूतों, अन्य देशों के प्रतिनिधियों तथा सियासी क्षेत्र के विशेषज्ञों को व्याख्यान देने के लिये बुलाया जाएगा. इस केन्द्र की स्थापना के लिये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को इसलिये चुना गया है ताकि दिल्ली से भी लोग यहां आसानी से पहुंच सकें. उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण केन्द्र को लेकर विभिन्न राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से बातचीत चल रही है, ताकि यहां से मिलने वाली डिग्री को महत्व मिल सके.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिपरिषद ने गाजियाबाद में एक राजनीति प्रशिक्षण केन्द्र बनाने के प्रस्ताव को अनुमोदन दे दिया है. कुल 198 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लगभग 60 बीघा क्षेत्र में बनने वाले इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिये पहले चरण में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह देश में अपनी तरह का पहला संस्थान होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण केन्द्र के लिये पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. इसके लिये एक समिति गठित की गयी है. इस केन्द्र में उन लोगों को ‘ए टू जेड’ प्रशिक्षण दिया जाएगा जो राजनीति के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. निर्वाचित जनप्रतिनिधि भी इसमें प्रशिक्षण ले सकेंगे. इसके पाठ्यक्रम में व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ सियासत से जुड़े कानूनी पहलुओं, व्यवहार तथा अन्य चीजों के बारे में बताया जाएगा। इस केन्द्र का संचालन अगले दो-तीन साल में शुरू हो जाएगा.
खन्ना ने बताया कि इस प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन नगर विकास विभाग करेगा. इसमें विभिन्न राजनीतिक हस्तियों, राजदूतों, अन्य देशों के प्रतिनिधियों तथा सियासी क्षेत्र के विशेषज्ञों को व्याख्यान देने के लिये बुलाया जाएगा. इस केन्द्र की स्थापना के लिये राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को इसलिये चुना गया है ताकि दिल्ली से भी लोग यहां आसानी से पहुंच सकें. उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण केन्द्र को लेकर विभिन्न राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से बातचीत चल रही है, ताकि यहां से मिलने वाली डिग्री को महत्व मिल सके.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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