खास बातें
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर विश्वास मत आसानी से जीत लिया। पिछले नौ महीने में उन्होंने तीसरी बार विश्वास मत जीता है।
बेंगलुरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर विश्वास मत आसानी से जीत लिया। पिछले नौ महीने में उन्होंने तीसरी बार विश्वास मत जीता है। इस दौरान कांग्रेस ने सदन से बहिर्गमन किया। अन्य विपक्षी पार्टी जनता दल (सेक्युलर) भी इस दौरान सदन से अनुपस्थित रही। पार्टी ने बृहस्पतिवार को शुरू हुए 10 दिनों के बजट सत्र का बहिष्कार किया है। विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया ने विश्वास मत के परिणाम की घोषणा करते हुए कहा, "विश्वास प्रस्ताव को 225 सदस्यों वाले विधान सभा में शून्य के बदले 119 का समर्थन मिला।" कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहली सरकार का नेतृत्व कर रहे येदियुरप्पा ने इससे पहले 11 अक्टूबर और 14 अक्टूबर 2010 को भी विश्वास मत हासिल किया था। येदियुरप्पा से हालांकि विपक्षी पार्टियों या राज्यपाल ने सदन में बहुमत साबित करने की मांग नहीं की थी। विश्वास मत जीतने के बाद सदन के दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, "हमने सदन में सुविधाजनक बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव रखा। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 13 मई को सदस्यता बहाल किए गए 11 भाजपा विधायकों ने भी सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया।" सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 11 विद्रोही विधायकों की सदस्यता बहाल किए जाने के बाद कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 120 सदस्य हो गए हैं, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष भी शामिल हैं। इसके अलावा विधानसभा में कांग्रेस के 71 और जेडी-एस के 26 सदस्य हैं। शेष सदस्यों में छह निर्दलीय हैं और एक विधानसभा सीट खाली है।