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This Article is From Aug 30, 2013

यासीन भटकल 12 दिन की एनआईए हिरासत में

यासीन भटकल 12 दिन की एनआईए हिरासत में
नई दिल्ली / मोतिहारी/ पटना: देश के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी तथा इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने 12 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। न्यायालय ने आतंकी हमले की तैयारी के लिए मिली मदद की बदौलत भटकल द्वारा की गई तैयारियों का पता लगाने के लिए उसे एनआईए को सौंपा है।

एनआईए के विशेष न्यायाधीश आईएस मेहता ने भटकल के साथी असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी को भी 10 सितंबर तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।

भटकल व हड्डी को एनआईए ने गुरुवार को नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों आतंकवादियों को बिहार की राजधानी पटना के नजदीक एक उच्च सुरक्षा युक्त जेल में रखा गया। जेल के अधिकारियों ने बताया कि जेल में दोनों रात भर नहीं सोए।

अधिकारी ने बताया, "पटना के अति सुरक्षित मिलिट्री पुलिस शिविर में एनआईए के अधिकारियों की एक टीम ने भटकल और अख्तर से पूछताछ की थी।" दोनों आतंकियों को शुक्रवार को विशेष विमान द्वारा ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया।

देशभर में हुई बम विस्फोट की घटनाओं में सर्वाधिक वांछित 15 आतंकवादियों की दिल्ली पुलिस की सूची में भटकल का नाम शीर्ष पर था, तथा देश भर में किए गए बम विस्फोटों एवं आतंकी हमलों में 12 राज्यों की पुलिस को भटकल की तलाश थी।

भटकल की गिरफ्तारी के साथ ही एनआईए को उम्मीद है कि वह आईएम से जुड़े आतंकी घटनाओं, आतंकवादियों एवं मिलने वाली वित्तीय मदद का भंडाफोड़ करने में कामयाब होगी।

नेपाल के प्रमुख समाचार पत्र 'कांतीपुर' के अनुसार, भटकल और अब्दुल करीम टुंडा को काठमांडू से गिरफ्तार किया गया और भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया। लेकिन नेपाल के अधिकारियों ने इससे इनकार किया है।

समाचार पत्र ने दावा किया है कि भटकल को नेपाली खुफिया एजेंसियों ने बुधवार को काठमांडू से गिरफ्तार किया और फिर भारत-नेपाल की रक्सौल सीमा पर उसे भारत को सौंप दिया।

समाचार पत्र ने यह भी दावा किया है कि 16 अगस्त को गिरफ्तार किए गए आतंकवादी टुंडा को भी काठमांडू के बागबाजार में जामा मस्जिद से निकलते समय गिरफ्तार किया गया था।

नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता शंकर प्रसाद कोइराला ने बताया कि उन्हें इन गिरफ्तारियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।

भटकल पर देश में 11 बड़े बम विस्फोट में शामिल रहने का आरोप है। वह वर्ष 2008 में दिल्ली के कनाट प्लेस, गफ्फार मार्केट व ग्रेटर कैलाश क्षेत्रों में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों का मुख्य संदिग्ध है। तीन जगहों पर हुए विस्फोटों में 26 लोग मारे गए थे और 133 अन्य घायल हुए थे।
बंद कमरे में हुई सुनवाई में भटकल के मामले की जांच कर रही प्रमुख एजेंसी एनआईए ने गिरफ्तार आईएम के दोनों आतंकियों को 14 दिन के लिए हिरासत में सौंपे जाने की मांग की।

बंद कमरे में हो रही सुनवाई में बचाव पक्ष ने दावा किया, जिस शख्स को अदालत में पेश किया गया है वह यासीन भटकल नहीं, मोहम्मद अहमद है।

सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने अदालत के समक्ष कहा कि आतंकी हमलों के पीछे की मुख्य साजिश का पता लगाने के लिए तथा फरार अन्य 10 संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए दोनों को हिरासत में दिए जाने की जरूरत है।

एनआईए ने बताया कि दोनों आतंकियों को दिल्ली के बाहरी एवं अंदरूनी कई इलाकों में ले जाया जाएगा।

एनआईए द्वारा देश में हुए अनेक आतंकी विस्फोट के मामलों में 17 जुलाई को पांच अन्य आरोपियों के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया था, तथा अदालत द्वारा 30 सितंबर तक के लिए उन आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

इस आरोपपत्र में भटकल पर देश में हुए कई बम विस्फोट मामलों में मुख्य साजिशकर्ता एवं विस्फोटकर्ता का आरोप लगाया गया था।

एनआईए ने अपने आरोपपत्र में भटकल और हड्डी को 10 अन्य आरोपियों के साथ भगोड़ा घोषित किया था।

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