पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपनी नई किताब में दावा किया है कि देश के जीडीपी आंकड़े गुमराह करने वाले हैं, रिजर्व बैंक की स्वायत्तता खतरे में है और नोटबंदी सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्व-रोजगार का विचार ''बेरोजगारी और अल्परोजगारी के बड़े गंभीर मुद्दे से भटकाव'' है. बीते कुछ सालों से सरकार की नीतियों के कटु आलोचक रहे सिन्हा ने अप्रैल में भाजपा छोड़ दी थी. पार्टी नेता कई मुद्दों पर उनके आरोपों को खारिज करते रहे हैं जबकि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पूछ चुके हैं कि जनता मंत्रियों पर भरोसा करे या उन पर ''जिनके पास कोई काम नहीं है.''
सिन्हा ने अपनी पुस्तक 'मोदी अनमेड इंडिया' में कहा कि मोदी के पास अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर था. उन्होंने अपनी पुस्तक में बताया कि किस तरह मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था का कथित रूप से हाल बुरा कर दिया है. उन्होंने कहा, ''वह यूपीए से विरासत में मिली समस्याओं को दूर कर सकते थे और भारत को गरीब देश से मध्यम आय वाले देश में तब्दील कर सकते थे लेकिन उन्होंने मौका गंवा दिया.'' सिन्हा ने कहा कि भले ही उनकी पुस्तक 'इंडिया अनमेड: हाव द मोदी गर्वमेंट ब्रोक द इकॉनमी' में एनडीए सरकार के आर्थिक प्रबंधन की आलोचना की गई है लेकिन वह हमेशा मोदी के आलोचक नहीं रहे हैं।
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उन्होंने दावा किया, ''ना ही मुझे मंत्री नहीं बनाने या कोई अन्य पद नहीं देने पर मेरी उनसे कोई निजी दुश्मनी है, जैसा कि कुछ लोग गलत अटकलें लगाते हैं... असल में, सच यह है कि मैंने शुरू में ही उनके उत्साह को पहचान लिया था और बीजेपी के उन शुरुआती नेताओं में शामिल था जिन्होंने कहा था कि उन्हें 2014 चुनावों में पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए.'' सिन्हा ने मोदी की नोटबंदी, नौकरियों, जीडीपी आंकड़ों और 'मेक इन इंडिया' सहित अन्य नीतियों और कार्यक्रमों की कड़ी आलोचना की है. सिन्हा की इस किताब को 'जगरनॉट' ने प्रकाशित किया है और इसके सहलेखक पत्रकार आदित्य सिन्हा हैं. (इनपुट भाषा)
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