भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता और वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिंहा (Yashwant Sinha) पश्चिम बंगाल में चुनाव (West Bengal Assembly Election 2021) से पहले आज तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थाम लिया. इस मौके पर डेरेक ओ ब्रायन, सुदीप बंदोपाध्याय और सुब्रत मुखर्जी मौजूद रहे. सिन्हा (Yashwant Sinha Joins BJP) के शामिल होने के बाद टीएमसी ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. सुब्रत मुखर्जी ने यशवंत सिन्हा के शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि यशवंत हमारे साथ आए, अगर ममता बनर्जी पर साजिश के तहत नंदीग्राम में हमला नहीं होता तो वो खुद यहां मौजूद होती.
सुदीप बंधोपाध्याय ने बताया कि यशवंत सिन्हा कोलकाता स्थित पार्टी मुख्यालय में TMC में शामिल होने से पहले ममता बनर्जी से उनके आवास पर मुलाकात करने गए थे. वहीं सिन्हा ने कहा कि देश में इस वक्त संकट में है, संवैधानिक सस्थाओं को कमजोर करने की साजिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र की ताकत प्रजातंत्र की संस्थाएं होती हैं. आज लगभग हर संस्था कमजोर हो गई है, उसमें देश की न्यायपालिका भी शामिल है. हमारे देश के लिए ये सबसे बड़ा खतरा पैदा हो गया है.
लंबे समय तक बीजेपी के नेता रहे यशवंत सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी के समय को याद करते हुए कहा कि अटल जी के समय बीजेपी सर्वसम्मति में विश्वास करती थी. लेकिन आज की मौजूदा सरकार सिर्फ कुचलने और जीतने में विश्वास करती है. उन्होंने सवाल किया आज बीजेपी के साथ कौन खड़ा है.अकालियों और बीजद तक ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है.
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यशवंत सिन्हा, मोदी सरकार के जबरदस्त आलोचक रहे हैं. 2014 के बाद शुरु हुआ मनमुटाव अनदेखी के बाद बागी तेवरों के रूप में बाहर आ गया. यशवंत सिन्हा इससे पहले बिहार चुनाव के दौरान एनडीए सरकार के खिलाफ मुहीम चला चुके हैं, वह उत्तर प्रदेश के चुनावों के दौरान भी अखिलेश के मंच पर नजर आए थे.
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