यह ख़बर 09 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तीन साल बाद आज पाकिस्तानी जेल से रिहा होगा यशपाल

खास बातें

  • सीमा के उल्लंघन के आरोप में तीन साल तक कोट लखपत जेल में बंद यशपाल मंगलवार को रिहा हो रहा है। यशपाल के पिता बाबूराम अपने कुछ सहयोगियों के साथ अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर हैं, जहां पाक अधिकारी यशपाल को उनके हवाले करेंगे।
नई दिल्ली:

भारत-पाकिस्तान सीमा के उल्लंघन के आरोप में तीन साल तक पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद रहा यशपाल मंगलवार को रिहा हो रहा है। यशपाल के पिता बाबूराम अपने कुछ सहयोगियों के साथ अमृतसर के वाघा बॉर्डर पर गए हैं, जहां पाक अधिकारी यशपाल को उनके हवाले कर देंगे।

यशपाल को लिवाने के लिए बाबूराम के साथ वाघा पहुंचे हुए आंवला के रहने वाले डॉ संजय सक्सेना के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बरेली जिले के फरीदपुर में पढरा गांव के रहने वाले बाबूराम सोमवार को डॉ सक्सेना तथा बरेली कॉलेज में लॉ विषय के एसोसिएट प्रोफेसर तथा एक स्थानीय संस्था के डॉ प्रदीप कुमार के साथ अमृतसर रवाना हुए थे। डॉ सक्सेना ने जानकारी दी कि बाबूराम अपने बेटे यशपाल से मिलने के लिए बेहद उत्साहित हैं, और रवाना होने से पहले भावुक होकर बोले थे, "इतनी लंबी रात कभी नहीं आई मेरी ज़िन्दगी में... अब तो बस यशपाल से मिला दो, कलेजा फटा जा रहा है..."

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डॉ सक्सेना ने बताया कि दरअसल, बाबूराम पहली बार अपने गांव से बाहर निकले हैं। रविवार रात को वह डॉ प्रदीप के घर ही ठहरे थे, और सोमवार सुबह-सुबह रवानगी के लिए जब वे लोग उन्हें उठाने पहुंचे तो पहले से बाबूराम को जागता हुआ पाया। बाबूराम के मुताबिक वह रातभर सो नहीं पाए, और यशपाल का चेहरा उनकी आंखों के आगे घूमता रहा, जिसे वह तीन साल बाद देखने जा रहे हैं।