प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ कुछ साहित्यकारों के ‘पुरस्कार वापसी’ अभियान के तहत साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने के बाद अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने बुधवार को कहा कि लेखकों को जो पुरस्कार दिया जाता है उसका अवश्य सम्मान करना चाहिए।
तेइस भारतीय भाषाओं के युवा लेखकों को ‘युवा पुरस्कार’ से यहां सम्मानित करने के दौरान तिवारी ने साहित्य अकादमी पुरस्कारों के महत्व पर जोर दिया। तिवारी ने हिंदी में दिए गए अपने भाषण में कहा, ‘‘इस तरह के सम्मान समाज द्वारा स्वीकार्यता हैं और समाज की स्वीकार्यता के आधार पर साहित्य अकादमी जैसे संस्थान ये पुरस्कार देते हैं, जिसका हमारे लेखकों को सम्मान करना चाहिए।’’
अकादमी ने 14 नवंबर को मुंबई में बाल साहित्य में योगदान के लिए लेखकों को बाल साहित्य पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया था। युवा पुरस्कार 35 साल से कम उम्र के 23 लेखकों को दिया गया है और इसमें 50 हजार रुपये का चेक और तांबे की एक पट्टिका शामिल है।
तेइस भारतीय भाषाओं के युवा लेखकों को ‘युवा पुरस्कार’ से यहां सम्मानित करने के दौरान तिवारी ने साहित्य अकादमी पुरस्कारों के महत्व पर जोर दिया। तिवारी ने हिंदी में दिए गए अपने भाषण में कहा, ‘‘इस तरह के सम्मान समाज द्वारा स्वीकार्यता हैं और समाज की स्वीकार्यता के आधार पर साहित्य अकादमी जैसे संस्थान ये पुरस्कार देते हैं, जिसका हमारे लेखकों को सम्मान करना चाहिए।’’
अकादमी ने 14 नवंबर को मुंबई में बाल साहित्य में योगदान के लिए लेखकों को बाल साहित्य पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया था। युवा पुरस्कार 35 साल से कम उम्र के 23 लेखकों को दिया गया है और इसमें 50 हजार रुपये का चेक और तांबे की एक पट्टिका शामिल है।
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