महिला अधिकार समूहों और करीब 175 कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोमवार को खुला पत्र लिखकर भाजपा नेताओं पर दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि ये नेता बलात्कार के भय को अभियान संदेश के तौर पर इस्तेमाल करते दिख रहे हैं. इस पत्र में, समूहों ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार के दौरान, भाजपा नेताओं द्वारा अपने समर्थकों से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर हिंसा फैलाने की अपील ने एक प्रकार से हिंसा का माहौल बना दिया है.
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इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रख्यात लोगों में नारीवादी अर्थशास्त्री देवकी जैन, कार्यकर्ता लैला तैयबजी, पूर्व भारतीय राजदूत मधु भादुड़ी और कार्यकर्ता कमला भसीन के अलावा अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संगठन (एआईपीडब्ल्यूए और राष्ट्रीय भारतीय महिला संघ (एनएफआईडब्ल्यू) जैसे समूह शामिल थे. पत्र में पूछा गया है कि भाजपा के चुनाव प्रचारक, प्रचार अभियान के दौरान बलात्कार का भय दिखाकर बार-बार नफरत भरे भाषण दे रहे हैं, अपने समर्थकों से सीएए-एनआरसी-एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर हिंसा करने की अपील कर रहे हैं. सरकार के प्रमुख के तौर पर आप यह किस तरह की सांप्रदायिक नफरत और दहशत फैलाने को बढ़ावा दे रहे हैं, जो सभी समुदायों की महिलाओं को अधिक असुरक्षित एवं भयभीत महसूस करा रही है?
आपके नेता कह रहे हैं कि‘भाजपा के लिए वोट करें नहीं तो आपसे बलात्कार किया जाएगा.' क्या दिल्ली की महिलाओं के लिए आपका यह चुनावी संदेश है? क्या आपकी पार्टी इस हद तक नीचे गिर सकती है?. पत्र में भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के बयान का संदर्भ दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि लाखों लोग वहां (शाहीन बाग में) एकत्र होते हैं. दिल्ली के लोगों को सोचना होगा और फिर फैसला लेना होगा. वे आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों एवं बेटियों से बलात्कार करेंगे, उन्हें मार डालेंगे. इस पत्र में प्रधानमंत्री से पूछा गया कि क्या भाजपा अब भारत की महिलाओं एवं बच्चों के जीवन को खुलेआम खतरे में डाल रही है?
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इसमें कहा गया है कि यह इतिहास में दर्ज होगा और भारत माफ नहीं करेगा, प्रधानमंत्री जी. देश ने आपकी पार्टी के सदस्यों की तरफ से बनाए गए इस हिंसक माहौल का सीधा परिणाम देखा, जिसने ‘रामभक्त' गोपाल को 30 जनवरी को जामिया में मासूम छात्रों पर गोली चलाने के लिए उकसाया और आपकी पार्टी द्वारा फैलाई गई नफरत से तैयार एक अन्य आतंकवादी ने एक फरवरी को शाहीन बाग में महिला पर गोली चला दी. केंद्रीय मंत्र अनुराग ठाकुर के भीड़ को देश के गद्दारों को गोली मारने की नसीहत देने और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी बोली से नहीं तो गोली से मानेंगे का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए पत्र में कहा गया कि यहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही महिलाएं देशद्रोही हैं. समूहों ने प्रधानमंत्री से पूछा कि जब माननीय गृहमंत्री, अमित शाह लोगों से आठ फरवरी को ईवीएम बटन इतनी ताकत से दबाने को बोलते हैं कि करंट प्रदर्शनकारियों को महसूस हो. क्या वह महिलाओं को करंट लगा कर मारना चाहते हैं?
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं