देश के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी शुक्रवार को न्यायालय की आंतरिक जांच समिति के समक्ष पेश हुई. शिकायतकर्ता द्वारा आरोप के संदर्भ में शीर्ष अदालत के 22 न्यायाधीशों को पत्र लिखने के बाद, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे की अगुवाई में न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी.
CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी में अब दो महिला जज
समिति में शुरुआत में न्यायमूर्ति एन.वी. रमना शामिल थे, जिन्होंने गुरुवार को शिकायतकर्ता द्वारा उनके समिति में शामिल होने पर सवाल उठाने के बाद खुद को समिति से अगल कर लिया था. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति रमना प्रधान न्यायाधीश के करीबी दोस्त हैं और इसी वजह से मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती. शिकायतकर्ता सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट है. उन्होंने प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत के सभी न्यायाधीशों को एक शपथ-पत्र भेजा था.
Video: क्या सीजेआई जस्टिस रंजन गोगोई को साजिशन फंसाया जा रहा?.
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