प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
क्या मॉनसून सत्र का वही हाल होगा जो बजट सत्र के दूसरे हिस्से का हुआ? मंगलवार को संसद में कई दौर की बैठकों के बाद भी ये अंदेशा बना हुआ है. कांग्रेस से लेकर टीडीपी के अपने-अपने मुद्दे हैं और सरकार को घेरने की तैयारी भी.
सभी दलों के बड़े नेताओं के साथ ढाई घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सहयोग की अपील कि ताकि मॉनसून सत्र ठीक से चल सके. बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, "पीएम मोदी ने समापन भाषण में सभी विपक्षी दलों से निवेदन किया कि वे मानसून सत्रको सुचारू रूप से चलाने में सरकार की मदद करें. देश की जनता की उम्मीद है कि सदन ठीक से चले...विपक्ष अगर अहम मुद्दों को उठाता है तो उससे देश को फायदा होगा."
लेकिन बैठक के बाद विपक्ष की तरफ से सरकार को कोई आश्वासन नहीं मिला. बजट सत्र में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग को लेकर सबसे ज़्यादा हंगामा करने वाली टीडीपी इस बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. टीडीपी नेता सीएम रमेश ने एनडीटीवी से कहा, "हम सरकार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे...बजट सत्र की तरह मॉनसून सत्र में भी हम आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज़ा देने की मांग को उठाएंगे..."
यह भी पढ़ें : टीडीपी मॉनसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ लाएगी अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस अलग से अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बना रही है. उसे लेफ़्ट का भी साथ मिल सकता है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "सारी पार्टी का ये विचार है कि वोट ऑफ नो कान्फिडेंस लाना चाहिए. हम कोशिश कर रहे हैं कि बाकी दलों से बात करके नो कान्फिडेंस मोशन लाएं...कांग्रेस अगर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सभी को कई मुद्दे उठाने का मौका मिलेगा. हम सबसे बात कर रहे हैं..."
यह भी पढ़ें : कांग्रेस ने मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने के लिए बनाया यह ‘मास्टर प्लान’
सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने एनडीटीवी से कहा, "अविश्वास प्रस्ताव पर बजट सत्र में सरकार ने अपना रुख साफ नहीं किया था. ये unfinished agenda है...हम इसे फिर मानसून सत्र में आगे बढ़ाएंगे."
मॉनसून सत्र के दौरान एक अहम एजेंडा राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव होगा. सरकार सबसे पहले राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव पर विपक्षी दलों के साथ आम राय बनाने की बात कह रही है. एनडीटीवी से बातचीत में संसदीय कार्यराज्यमंत्री विजय गोयल ने ये बात कही.
VIDEO : क्या संसद में फिर चलता रहेगा हंगामा?
अविश्वास प्रस्ताव से लेकर mob lynching की बढ़ती घटनाएं और किसानों के बढ़ते संकट जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. अब देखना होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.
सभी दलों के बड़े नेताओं के साथ ढाई घंटे चली बैठक में प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सहयोग की अपील कि ताकि मॉनसून सत्र ठीक से चल सके. बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा, "पीएम मोदी ने समापन भाषण में सभी विपक्षी दलों से निवेदन किया कि वे मानसून सत्रको सुचारू रूप से चलाने में सरकार की मदद करें. देश की जनता की उम्मीद है कि सदन ठीक से चले...विपक्ष अगर अहम मुद्दों को उठाता है तो उससे देश को फायदा होगा."
लेकिन बैठक के बाद विपक्ष की तरफ से सरकार को कोई आश्वासन नहीं मिला. बजट सत्र में आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज़ा दिलाने की मांग को लेकर सबसे ज़्यादा हंगामा करने वाली टीडीपी इस बार फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. टीडीपी नेता सीएम रमेश ने एनडीटीवी से कहा, "हम सरकार के खिलाफ फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे...बजट सत्र की तरह मॉनसून सत्र में भी हम आंध्र प्रदेश को विशेष दर्ज़ा देने की मांग को उठाएंगे..."
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कांग्रेस अलग से अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बना रही है. उसे लेफ़्ट का भी साथ मिल सकता है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "सारी पार्टी का ये विचार है कि वोट ऑफ नो कान्फिडेंस लाना चाहिए. हम कोशिश कर रहे हैं कि बाकी दलों से बात करके नो कान्फिडेंस मोशन लाएं...कांग्रेस अगर अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सभी को कई मुद्दे उठाने का मौका मिलेगा. हम सबसे बात कर रहे हैं..."
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सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने एनडीटीवी से कहा, "अविश्वास प्रस्ताव पर बजट सत्र में सरकार ने अपना रुख साफ नहीं किया था. ये unfinished agenda है...हम इसे फिर मानसून सत्र में आगे बढ़ाएंगे."
मॉनसून सत्र के दौरान एक अहम एजेंडा राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव होगा. सरकार सबसे पहले राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव पर विपक्षी दलों के साथ आम राय बनाने की बात कह रही है. एनडीटीवी से बातचीत में संसदीय कार्यराज्यमंत्री विजय गोयल ने ये बात कही.
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अविश्वास प्रस्ताव से लेकर mob lynching की बढ़ती घटनाएं और किसानों के बढ़ते संकट जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. अब देखना होगा कि सरकार इस चुनौती से कैसे निपटती है.
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