
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाहर जाने और सचिन पायलट की बगावत का कांग्रेस पर असर नहीं होगा. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि अब केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी की कोई नैतिकता एवं चरित्र नहीं रहा और वह सत्ता के लिए कुछ भी कर सकती है. बघेल का कहना था कि पायलट सिर्फ 26 साल की उम्र में सांसद बने, बाद में केंद्रीय मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. इससे ज्यादा एक पार्टी और क्या दे सकती है ?
उन्होंने राजस्थान की सियासी उठापठक के संदर्भ में यह टिप्पणी की. पायलट और 18 अन्य विधायकों की बगावत के बाद वहां सियासी बवंडर खड़ा हुआ है. बघेल ने बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सत्ता की भूखी है और वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकती है. जहां उनके एक या दो विधायक हैं, उन्होंने उस राज्य में भी सरकार बना ली. अटल और आडवाणी का युग खत्म हो चुका है. अब कोई नैतिकता और चरित्र नहीं बचा है.''
किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘‘अवसरवादियों और ब्लैकमेल करने की राजनीति करने वालों को यह याद रखना चाहिए कि यह देश के लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.'' छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सिंधिया के साथ भी कुछ तो मजबूरी रही होगी, यू हीं कोई बेवफा नहीं होता.'' यह पूछे जाने पर कि क्या युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने अथवा बगावत करने के बारे में कांग्रेस को चिंतन करना चाहिए, इस पर बघेल ने मजाक भरे लहजे में कहा, ‘‘हम भी नौजवान नेता हैं. हम बूढ़े नहीं हुए हैं.''
साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘हमें विचार करने की जरूरत नहीं है. कांग्रेस इससे प्रभावित नहीं होगी.''
मुख्यमंत्री का कहना था कि लोकतंत्र में नेता नहीं, बल्कि जनता सबसे ताकतवर होती है. हाल ही में हुई कई राजनीतिक नियुक्तियों के संदर्भ में पूछे जाने पर बघेल ने कहा कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया बहुत पहले आरंभ हो गई थी.
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