यह ख़बर 31 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पाक फायरिंग का जवाब 'दोगुनी ताकत' से दे भारतीय सेना : रक्षामंत्री

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सीमापार से होने वाले युद्धविराम उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा है कि भारतीय सेना को 'दोगुनी ताकत' से पाकिस्तानी फौज की फायरिंग का जवाब देना चाहिए। घुसपैठ की घटनाओं पर भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उन्होंने सेना से कहा है कि वह किसी भी कड़ी कार्रवाई से हिचके नहीं। अगर सीमा पर आतंकी दिखें तो उन्हें हर हालत मे मार गिराया जाए।

पत्रकारों से बातचीत में रक्षामंत्री ने रक्षा संबंधी सौदों के बारे में कहा कि अब रक्षा कंपनियां चाहें तो शर्तों के साथ एजेंट या फिर सलाहकार रख सकती हैं, लेकिन ये सलाहकार न तो कमीशन एजेंट के तौर पर काम करेगा और न ही सौदे से ही सीधे तौर पर जुड़ा होगा। सलाहकार को लेकर कंपनियों को सौदे से पहले मंत्रालय को बताना होगा। इतना ही नहीं मंत्रालय काली सूची में डाली गई कंपनियों से मेरिट और जरूरत के मुताबिक साजो-समान लेने से परहेज नहीं करेगा।

मसलन पर्रिकर ने बताया कि टैट्रा जो यूके की कंपनी है, पर बैन लगा है, लेकिन सरकार इसकी मूल कंपनी से जरूरी समान खरीद रही है ताकि रक्षा तैयारी पर असर ना पड़े। वैसे, यह यूपीए सरकार की नीति से बिल्कुल अलग है। पूर्व रक्षामंत्री एके एंटोनी के वक्त अगर कहीं भी कंपनी से जुड़े कोई घपले की खबर आती थी तो पूरी कंपनी पर बैन लगा दिया जाता था।
 
रक्षा मंत्री ने सेना को साफ कहा है कि वह हादसों पर पूरी तरह रोक लगाए। खासकर शांति और प्रशिक्षण के दौरान ऐसे हादसे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इसके लिए जिम्मेदाऱी भी तय की जाएगी। सीमापार से होने वाली घटनाओं को लेकर रक्षामंत्री ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा है कि वह किसी भी कड़ी कार्रवाई से हिचके नहीं। अगर सीमा पर आतंकी दिखें तो उन्हें हर हालत मे मार गिराया जाए।

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