बस कंडक्टर के अनुसार अन्य यात्रियों को शव के साथ यात्रा करने में दिक्कत हो रही थी
दमोह:
मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक व्यक्ति अपनी बीमार पत्नी और 5 दिन की बेटी के साथ अस्पताल जा रहा था, लेकिन बस में ही महिला की मौत हो गई. इसके बाद बस वालों ने उस व्यक्ति को बीच जंगल में ही पत्नी के शव और 5 दिन की बेटी के साथ जबरन उतार दिया गया.
कुछ ही देर बाद दो वकील मृत्युंजय हजारी और राजेश पटेल जंगल से गुजर रहे थे. उन्होंने देखा कि राम सिंह बारिश के बीच अपनी बेटी को दूध पिलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके साथ एक बुर्जुग महिला खड़ी है और पास ही एक शव पड़ा है. यह देखकर वे रुक गए और इस बारे में पुलिस को जानकारी दी.
राजेश पटेल का आरोप है कि पुलिस वहां पहुंची, मामले की जानकारी इकट्ठा की, लेकिन राम सिंह की कोई मदद किए बिना ही वापस लौट गई. रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद वकील ने प्राइवेट ऐंबुलेंस बुलाकर राम सिंह की पत्नी के शव को उनके घर पहुंचवाया.
राम सिंह की मां सुनिया बाई बताती हैं, 'मेरी बहु ने कुछ ही दिनों पर बच्ची को जन्म दिया था और तब से वह बीमार थी. उसी के उपचार के लिए वे लोग एक निजी बस से छतरपुर से दमोह जा रहे हैं, लेकिन रास्ते में ही मेरी बहू की मौत हो गई. इसके बाद बस वालों ने हमें दमोह से करीब 20 किलोमीटर दूर ही जबरन जंगल में उतार दिया.'
वहीं बस कंडक्टर शारदा सेन ने बताया कि अन्य यात्रियों को शव के साथ सफर करने में दिक्कत पेश आ रही थी, इसलिए यात्रियों की जिद पर उन्होंने उन लोगों को बस से उतारा.
वहीं इस घटना के बारे में पूछे जाने पर बैतियागढ़ पुलिस स्टेशन के पीडी मिंज ने बताया कि ऐसी किसी घटना के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. मीडिया द्वारा मामला उठाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया. पुलिस ने बस को जब्त कर लिया और बस ड्राइवर व कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
कुछ ही देर बाद दो वकील मृत्युंजय हजारी और राजेश पटेल जंगल से गुजर रहे थे. उन्होंने देखा कि राम सिंह बारिश के बीच अपनी बेटी को दूध पिलाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके साथ एक बुर्जुग महिला खड़ी है और पास ही एक शव पड़ा है. यह देखकर वे रुक गए और इस बारे में पुलिस को जानकारी दी.
राजेश पटेल का आरोप है कि पुलिस वहां पहुंची, मामले की जानकारी इकट्ठा की, लेकिन राम सिंह की कोई मदद किए बिना ही वापस लौट गई. रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद वकील ने प्राइवेट ऐंबुलेंस बुलाकर राम सिंह की पत्नी के शव को उनके घर पहुंचवाया.
राम सिंह की मां सुनिया बाई बताती हैं, 'मेरी बहु ने कुछ ही दिनों पर बच्ची को जन्म दिया था और तब से वह बीमार थी. उसी के उपचार के लिए वे लोग एक निजी बस से छतरपुर से दमोह जा रहे हैं, लेकिन रास्ते में ही मेरी बहू की मौत हो गई. इसके बाद बस वालों ने हमें दमोह से करीब 20 किलोमीटर दूर ही जबरन जंगल में उतार दिया.'
वहीं बस कंडक्टर शारदा सेन ने बताया कि अन्य यात्रियों को शव के साथ सफर करने में दिक्कत पेश आ रही थी, इसलिए यात्रियों की जिद पर उन्होंने उन लोगों को बस से उतारा.
वहीं इस घटना के बारे में पूछे जाने पर बैतियागढ़ पुलिस स्टेशन के पीडी मिंज ने बताया कि ऐसी किसी घटना के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. मीडिया द्वारा मामला उठाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया. पुलिस ने बस को जब्त कर लिया और बस ड्राइवर व कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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