डीआरडीओ द्वारा तैयार किया गया ड्रोन रुस्तम.
नई दिल्ली:
देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए डीआरडीओ का गठन किया गया था. लेकिन डीआरडीओ में वैज्ञानिक क्यों ज्यादा दिनों तक नौकरी नहीं कर रहे हैं, इस बारे में सरकार विचार कर रही है. रक्षामंत्री अरूण जेटली ने बताया कि साल 2014 से 2016 के दौरान कुल 128 वैज्ञानिकों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) छोड़ दिया और वैज्ञानिकों को इस संस्था के साथ रोकने के लिए एक व्यापक ‘प्रोत्साहन’ योजना शुरू की है.
लोकसभा में साक्षी महाराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में जेटली ने कहा कि डीआरडीओ छोड़ने वाले वैज्ञानिकों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.
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उन्होंने बताया कि साल 2014 में 41, साल 2015 में 42 और साल 2016 में 45 वैज्ञानिक डीआरडीओ से अलग हो गए. इस साल जुलाई तक कुल 15 वैज्ञानिकों ने डीआरडीओ छोड़ा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों को डीआरडीओ के साथ बनाए रखने के लिए व्यापक ‘प्रोत्साहन’ योजना शुरू की है जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन भी शामिल है. (आईएएनएस की रिपोर्ट पर आधारित)
लोकसभा में साक्षी महाराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में जेटली ने कहा कि डीआरडीओ छोड़ने वाले वैज्ञानिकों की संख्या में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है.
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उन्होंने बताया कि साल 2014 में 41, साल 2015 में 42 और साल 2016 में 45 वैज्ञानिक डीआरडीओ से अलग हो गए. इस साल जुलाई तक कुल 15 वैज्ञानिकों ने डीआरडीओ छोड़ा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिकों को डीआरडीओ के साथ बनाए रखने के लिए व्यापक ‘प्रोत्साहन’ योजना शुरू की है जिसमें वित्तीय प्रोत्साहन भी शामिल है. (आईएएनएस की रिपोर्ट पर आधारित)
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