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This Article is From Apr 03, 2016

उन बाबुओं पर क्यों न कार्रवाई हो जिनकी कोताही से 10 CISF कर्मियों की जान गई: CIC

उन बाबुओं पर क्यों न कार्रवाई हो जिनकी कोताही से 10 CISF कर्मियों की जान गई: CIC
नक्सली हमला (फाइल फोटो)
नई दिल्‍ली: केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाल्को की विफलता को 'जबरदस्त असंवेदनशीलता' करार दिया जिनकी कथित कोताही से 2009 में उसकी इकाई पर नक्सल हमला हुआ था और सीआईएसएफ के 10 कर्मियों की मौत हो गई थी।

सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने इस तथ्य पर सख्त ऐतराज जताया कि सीआईएसएफ के वरिष्ठ कमांडेंट शक्तिधर डोभाल को नाल्को के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जवाब पाने के लिए तकरीबन चार साल तक इंतजार करना पड़ा। आजाद ने निर्देश दिया कि उनके आदेश की प्रति खान मंत्रालय के सचिव और नाल्को के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को भेजा जाए ताकि उन्हें इस मामले में संबंधित अधिकारियों की 'पूर्ण असंवेदनशीलता' और 'बेरुखी' की जानकारी मिले। उन्होंने रेखांकित किया कि जहां नाल्को के अधिकारी दावा कर रहे थे कि वे रेकॉर्ड का पता नहीं लगा पा रहे हैं, वास्तविकता यह थी कि कोई रेकार्ड था ही नहीं क्योंकि कोई कार्रवाई शुरू ही नहीं हुई थी।

आजाद ने कहा, 'यह रेखांकित करना स्तब्धकारी है कि लोगों की जान और नाल्को के हितों की रक्षा करने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले 10 बहादुरों की सर्वोच्च कुर्बानी के बावजूद न तो मंत्रालय और न ही नाल्को ने इस मामले में कोई कार्रवाई की।' फाइलों का अध्ययन करने पर सूचना आयुक्त ने पाया था कि खान मंत्रालय ने नाल्को के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक को उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए बस निर्देश जारी किए थे, लेकिन उसका कोई अनुपालन नहीं हुआ और नाल्को ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

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