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सैयारा की सुनामी में सन ऑफ सरदार 2 और धड़क 2 की राह नहीं आसान, जानें कहां बढ़ेगी अजय देवगन की मुश्किल

सैयारा को 13 दिन का वक्त मिला है इससे पहले कि नई फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हों. इसे फ्री रन नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसके साथ तन्वी द ग्रेट और निकिता रॉय भी रिलीज हुईं, लेकिन इन फिल्मों में सैयारा तेजी से सबसे आगे निकल गई.

सैयारा की सुनामी में सन ऑफ सरदार 2 और धड़क 2 की राह नहीं आसान, जानें कहां बढ़ेगी अजय देवगन की मुश्किल
सैयारा के क्रेज का कितना असर सन ऑफ सरदार 2 और धड़क 2 पर ?
नई दिल्ली:

सैयारा को 13 दिन का वक्त मिला है इससे पहले कि नई फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हों. इसे फ्री रन नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसके साथ तन्वी द ग्रेट और निकिता रॉय भी रिलीज हुईं, लेकिन इन फिल्मों में सैयारा तेजी से सबसे आगे निकल गई. फिल्म का बज मजबूत है और दर्शक अभी भी इसे देखने के लिए सिनेमाघरों का रुख़ कर रहे हैं, लेकिन 1 अगस्त को दर्शकों का रुझान बंट सकता है क्योंकि इस दिन अजय देवगन की सन ऑफ सरदार 2 और तृप्ति डिमरी-सिद्धांत चतुर्वेदी की सोशियो-रोमांटिक फिल्म धड़क 2 भी रिलीज हो रही है.

अजय देवगन की स्टार पॉवर के अलावा सन ऑफ सरदार 2 एक कॉमेडी फिल्म है और शुरुआत में यह दर्शकों को खींचेगी. वहीं धड़क 2 भी एक जुझारू रोमांटिक फिल्म है और सैयारा की हवा में यह भी उड़ान भर सकती है. ऐसे में सैयारा का कारोबार धीमा पड़ सकता है. जानता सिनेमा के सीईओ और फाउंडर यूसुफ शेख का कहना है, “अभी हर जगह ये देखने को मिल रहा है कि जिन लोगों ने सालों से सिनेमाघरों का रुख नहीं किया था, उनके लिए ये एक ‘इवेंट फिल्म' बन गई है.और चूंकि ये इवेंट फिल्म बन चुकी है, इसलिए हर लोकेशन पर कलेक्शन 50, 70, 80% तक जा रहे हैं.और इसकी वजह आने वाली फिल्में हैं, जैसे कि धड़क 2 हो या सन ऑफ सरदार 2, उन्हें जरूर दिक्कत होगी…जब तक कि वो सैयारा से बेहतर न हों, या फिर वो कुछ ऐसा नया न पेश करें जो दर्शकों को चौंका दे.

असल मसला ये है कि इतनी क्रेज वाली फिल्म के सामने, किसी भी नई फिल्म के लिए स्टैंडआउट करना बेहद मुश्किल होता है. लेकिन… ये भी कहना जरूरी है कि जिन फिल्मों की रिलीज डेट तय हो चुकी है, जिनकी मार्केटिंग कम्प्लीट हो चुकी है, और जिनमें बड़े स्टार्स हैं, उन्हें अब पूरी ताकत से उतरना होगा.उन्हें सिनेमाघरों को अपनी फिल्म चलाने के लिए मनाना होगा, साथ ही मार्केटिंग जोरदार तरीके से करनी होगी, और दर्शकों को लाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी होगी.”

दर्शकों के रुझान के अलावा सिनेमाघरों में स्क्रीन का बंटवारा भी होगा, क्योंकि दो और फिल्मों को जगह देने के लिए पिछली फिल्मों के शोज कम हो सकते हैं. मेट्रो इन दिनों, तन्वी द ग्रेट अभी भी सिनेमाघरों में हैं और इनके साथ-साथ हो सकता है कि सैयारा के शोज पर भी असर पड़े अगर आने वाली ये दो फिल्में अपने रिलीज के वक्त दर्शकों के बीच हलचल पैदा कर पाईं तो.

सैयारा के शोज को लेकर यूसुफ शेख का कहना है, “सैयारा” के शोज कम नहीं किए जाएंगे, और सन ऑफ सरदार 2 या धड़क 2 को जो शोज मिलेंगे, वो भी कंडीशनल होंगे. अगर इन फिल्मों को पहले दिन उम्मीद के मुताबिक ऑक्यूपेंसी नहीं मिली, तो उनके शोज वीकेंड में वापस “सैयारा” को दे दिए जाएंगे. यह अच्छी बात है कि सिनेमाघरों में फिल्मों की बाढ़ है और फिल्में अच्छा कारोबार भी कर रही हैं. साथ ही दर्शकों के पास यह चॉइस भी है कि वे क्या देखें या कौन सा जॉनर चुनें. लेकिन अगर ये फिल्में एक-दूसरे को नुकसान पहुँचाती हैं तो यह हिंदी सिनेमा के लिए सही परिस्थिति नहीं है.

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