बिहार में जिन पांच विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम आए, उसमें सबसे ज़्यादा घाटे में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) रही और राष्ट्रीय जनता दल को दो सीटों का लाभ हुआ, लेकिन JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्कुराते दिखे. उनका कहना था, लोकतंत्र में जनता मालिक है और उसका फैसला उन्हें स्वीकार है. इसके बाद उन्हें अपनी मुस्कुराहट की वजह स्पष्ट करते हुए यह भी कहा कि हम जब भी उपचुनाव में हारे हैं, उसके बाद होने वाले आम चुनाव में जीतते रहे हैं.
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान का रिकॉर्ड देखा जाना चाहिए, क्योंकि जब हम उपचुनाव में हारे हैं, तो उसके बाद हुए चुनाव में हमेशा हमारी बड़ी जीत हुई है. इन उपचुनावों में नीतीश कुमार की पार्टी ने चार विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारा था, जिनमें से नाथनगर को छोड़कर उनकी पार्टी बाकी तीनों सीटें - दरौंदा, सिमरी बख्तियारपुर और बेलगर - हार गई. बेलहर और सिमरी बख्तियारपुर में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार जीते, जबकि दरौंदा में उनकी पार्टी के उम्मीदवार अजय सिंह की हार एक निर्दलीय प्रत्याशी ब्यास सिंह के हाथों हुई. यह बात दीगर है कि ब्यास सिंह को BJP और JDU के अधिकांश स्थानीय नेताओं का समर्थन प्राप्त था.
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दूसरी ओर, उपचुनाव में जीत के बाद RJD खेमे में खुशी का माहौल है. RJD के नेताओं का मानना है कि इन नतीजों से पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर खड़े किए जा रहे सवालों पर विराम लग जाएगा, और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में भगदड़ की नौबत भी नहीं आएगी.
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