क्यों नहीं थम रहे कोरोना के मामले, 51 दिनों से रोज़ाना आंकड़े आ रहे हैं 40 हजार के करीब

Covid-19 Cases : आईएमए के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि सोशल गैदरिंग्स का काफी असर होता है. जैसे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा बंद कर दिया गया था और ईद के बारे में हमने गवर्नमेंट को पाबंदी लगाने की चेतावनी दी थी, लेकिन स्टेट ने अपना डिसीजन ले लिया था. ये एक तरह की चेतावनी है. तीसरी लहर की आने की आशंका है.

क्यों नहीं थम रहे कोरोना के मामले, 51 दिनों से रोज़ाना आंकड़े आ रहे हैं 40 हजार के करीब

देश में क्यों नहीं थम रहे कोरोना के मामले, 51 दिनों से आ रहे हैं 40 हजार के करीब

नई दिल्ली:

देश में कोरोना के मामले एक बार फिर से पांव पसारने लगा है. पिछले 20 दिनों में बुधवार को सबसे ज्यादा मामले सामने आए. 50% केरल से और 30% मामले महाराष्ट्र और उत्तर पूर्व के राज्यों से हैं. दूसरी लहर के दौरान 4 लाख से गिरकर रोजाना 1 लाख मामलों के आंकड़े आने में 37 दिन लगे पर, अब 51 दिनों से रोज़ाना मामलों के आंकड़े 40 हजार के आसपास थम से गए हैं. आखिर क्या वजह है कि मामलों की रफ्तार घट नहीं रही? बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर बरकरार है. केरल, महाराष्ट्र और उत्तर पूर्व के राज्य सबसे ज्यादा चिंता का सबब बने हुए हैं. दूसरी लहर के दौरान जिस तरह शुरुआती दिनों में मामले गिरते नज़र आए वो रफ्तार अब थम सी गई है.


- रोजाना 4 लाख मामलों से घटकर 2 लाख तक पहुंचने में 26 दिनों का वक्त लगा.

- 2 लाख से 1 लाख तक आने में 11 दिन

- 1 लाख से 50 हजार का रोज़ाना आंकड़ा 20 दिनों में छूया

- पर अब 30 से 40 हजार के बीच पिछले 31 दिनों से।


आईएमए के सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि सोशल गैदरिंग्स का काफी असर होता है. जैसे उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा बंद कर दिया गया था और ईद के बारे में हमने गवर्नमेंट को पाबंदी लगाने की चेतावनी दी थी, लेकिन स्टेट ने अपना डिसीजन ले लिया था. ये एक तरह की चेतावनी है. तीसरी लहर की आने की आशंका है.

बुधवार को आए आंकड़ों के मुताबिक 80% मामले केरल, महाराष्ट्र और उत्तर पूर्व के राज्यों से हैं. इसमें 50% केरल से. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक- केरल की 66% आबादी का ससेप्टेबल होना है. कंटेनमेंट स्ट्रेटजी को कम और मिटीगेशन यानी इलाज पर ज्यादा ध्यान देना. संक्रमण बढ़ने को लेकर रिप्रोडक्शन रेट का केरल में 1.2 होना.  ईद के मौके पर छूट जैसी चीजें मामलों में तेज़ी की अहम वजह है. अगले एक दो दिनों में गृह मंत्रालय केरल और महाराष्ट्र से बढ़ते मामलों को लेकर बैठक करने जा रहा है.

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इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर संजय राय के मुताबिक सीरो सर्वे के हिसाब से  दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, मुंबई में ज्यादा इन्फेक्शन हो चुका है इसलिए वहां मामले ज्यादा बढ़ नहीं रहे पर  केरल के जितने serosurvey हुए हैं वो बताते हैं कि वहां अच्छा खासा पॉपुलेशन ससेप्टिबल हैं यानी संक्रमित नहीं हुआ और खतरे में है. जब तक ऐसी आबादी रहेगी, तब तक इन्फेक्शन होता रहेगा. अभी फिलहाल देश के 55 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10% से ज्यादा है. इसमें केरल, महाराष्ट्र और उत्तर पूर्व के 22 ज़िले ऐसे हैं जहां पिछले 4 हफ्तों से लगातार मामलों में बढ़ोतरी का ट्रेंड ही देखा गया है.